9 जुलाई को ऐतिहासिक हड़ताल की तैयारी, प्रदर्शन-सभा से दी चेतावनी


केंद्रीय श्रम संगठनों के संयुक्त राष्ट्रीय आह्वान पर बुधवार 09 जुलाई को केंद्र व राज्य सरकार के कर्मचारी, बैंक - बीमा, पोस्ट ऑफिस, बीएसएनएल,आयकर विभाग, सेंट्रल एक्साइज, बंदरगाह व अन्य सार्वजनिक व निजी क्षेत्र में का करने वाले कामगार हड़ताल में भागीदारी  कर रहे हैं। आल इंडिया इंश्योरेंस ईम्पलाईज एसोसिएशन के आह्वान पर जीवन बीमा और साधारण बीमा कंपनियों में का करने वाले बीमा कर्मचारी भी सत्तारूढ़ मोदी सरकार की जनविरोधी व मजदूर किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ 21 सूत्रीय मांगों के समर्थन में होने वाली आम हड़ताल को सफल बनाते हुए अपने कार्यालयों के समक्ष प्रदर्शन कर संयुक्त तौर पर ट्रेड यूनियनों की ओर से निकाली जाने वाली रैली व सभाओं में शिरकत करेंगे।

सभी बीमा कर्मी दें एकजुटता का परिचय

बीमा कर्मचारी संघ हजारीबाग मंडल  के संयुक्त सचिव कामरेड  दिलीप कुमार झा ने अखिल भारतीय आह्वान को सफल बनाने के लिए हजारीबाग मंडल के बीमा कर्मचारियों से आह्वान किया है कि वे 9 जुलाई 2025 को दृढ़ इच्छाशक्ति, एकजुटता और सामूहिक भागीदारी का एक अनूठा प्रदर्शन करें जो अधिकारों की लड़ाई की कड़ी में एक स्वर्णिम पृष्ठ बने। 9 जुलाई 2025 का दिन केवल एक तारीख नहीं, बल्कि करोड़ों बीमाधारकों, श्रमिकों और राष्ट्रीय हितों की रक्षा का ऐतिहासिक क्षण है। हमारी मांगें स्पष्ट, न्यायपूर्ण और राष्ट्रहित में हैं। 


ट्रेड यूनियन नेताओं ने भरी हुंकार

9 जुलाई को आहूत देशव्यापी हड़ताल की पूर्व संध्या पर आज 8 जूलाई को बीएसएल एडियम बिल्डिंग के समक्ष ट्रेड यूनियन संयुक्त मोर्चा के घटक यूनियनों इन्टक, एटक , सीटू, एचएमएस,एक्टू, और एआइयुटीयूसी के द्वारा मजदूर सभा का आयोजन किया गया। अध्यक्षता आईडी प्रसाद ने किया। इस दौरान सीटू के महामंत्री बीडी प्रसाद ने कहा कि 9 जुलाई की हड़ताल देश की अबतक की सबसे बड़ी हड़ताल होने जा रही है। औद्योगिक मजदूरों के  साथ ही साथ किसान और खेतिहर मजदूर भी करोड़ों की संख्या में  इस हड़ताल में सड़क पर उतरेंगे। 

श्रम कानूनों को रद्द किया जाए

इस्पात, कोयला, बिजली, निर्माण, फर्टीलाइजर,पेट्रोलियम, भेल, रेल, बैंक, बीमा, बंदरगाह, हवाई अड्डे, परिवहन खादानों सहित लाखों छोटे-बडे कल कारखाने आदि में काम करने वाले मजदूर , ठेका मजदूर हड़ताल में भाग लेंगे। पुरा उत्पादन ठप रहेगा। एटक के महामंत्री रामाश्रय प्रसाद सिंह ने कहा कि यह हड़ताल  केन्द्र सरकार द्वारा 29 श्रम कानूनों को रद्द करने और नया 4 लेबर कोड लागू करने के  खिलाफ है। अगर केन्द्र सरकार श्रम कानूनों को रद्द कर लेबर कोड लागू करने में सफल हो जाती है तो मजदूरों से  तमाम वैधानिक हक-अधिकारों को छीनने में सफल हो जाएगी।

मजदूर की सुविधाओं में होगी कटौती

मालिकों का शोषण-दमन के खिलाफ आवाज उठाने, संघर्ष करने को अपराधिक गतिविधि माना जाएगा और मजदूरों को दण्डित करने से लेकर काम से हटाने तक के लिए प्रबंधन व मालिक स्वतंत्र होगा। मजदूर प्रबंधन व मालिक के खिलाफ किसी प्रकार का  प्रतिरोध नहीं कर सकेगा।श्रम विभाग से लेकर कोर्ट-कचहरी तक सभी दरवाजे मजदूरों के लिए बंद हो जायगा। दूसरी ओर प्रबंधन व मालिक मजदूरों की मजदूरी एवं भत्ता तथा अन्य सुविधाओं में कटौती करने काम से मजदूरों को हटाने के लिए स्वतंत्र होगा। प्रबंधन की इस प्रकार दमनात्मक कार्रवाई को अपराधिक श्रेणी से बाहर रखा गया है। मजदूरी करने वाले, सम्पत्ति अर्जित करने वाले मजदूर अपराधी और मजदूरों का शोषण करने वाले प्रबंधन, पूंजीपति, उद्योगपति निरपराधी होगें। इस मजदूर विरोधी लेबर कोड को मजदूर कभी भी कबूल नहीं करेगा। पिछले पांच वर्षों से लागू नहीं होने दिया है आगे भी नहीं होने देगा।

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