आदिवासी समाज को उनका हक – अधिकार दिलाने, उनका सर्वांगीण विकास को लेकर जनजातीय कार्य मंत्रालय,भारत सरकार द्वारा आदि कर्मयोगी अभियान - रेस्पॉन्सिव गवर्नेस प्रोग्राम की शुरूआत की गई है। जैसा कि नाम से ही प्रतित हो रहा है आदि कर्मयोगी, आदिवासी समाज के लिए जो कार्य करें, वह आदि कर्मयोगी है। उक्त बातें उपायुक्त अजय नाथ झा ने कहीं। वह गुरुवार को समाहरणालय सभागार में संवाददाताओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आदि कर्मयोगी अभियान - रेस्पॉन्सिव गवर्नेस प्रोग्राम के तहत आदिवासी बहुल जिले के 125 चिन्हित गांव के लोगों को केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से शतप्रतिशत अच्छादित किया जाना है। यह सभी कार्यों स्वास्थ्य, शिक्षा, कल्याण, समाज कल्याण, वन प्रमंडल जैसे विभिन्न 17 विभागों के पदाधिकारियों के समन्वय से पूरा किया जाएगा। इस क्रम में पिछले दिनों राज्य स्तर पर जिले के आठ पदाधिकारियों को जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनर का प्रशिक्षण दिया गया। उनके द्वारा आज समाहरणालय सभागार में सभी जिला स्तरीय पदाधिकारियों – बीडीओ/सीओ को जिला स्तरीय कार्यशाला आयोजित कर कार्यक्रम की विस्तृत कार्य योजना से अवगत कराया गया।
मास्टर ट्रेनरों को प्रशिक्षित किया जाएगा
उपायुक्त ने कहा कि आगामी 30 से 01 सितंबर तक आवासीय रूप से प्रखंड स्तरीय मास्टर ट्रेनरों को प्रशिक्षित किया जाएगा, जो आगे प्रखंड व पंचायत स्तर पर आदि कर्मयोगी को प्रशिक्षण देंगे। उपायुक्त ने कहा कि इस अभियान में जन जागरूकता काफी जरूरी है। इस उद्देश्य को लेकर प्रखंड व पंचायत स्तर पर आदि संवाद मित्र बनाया जाएगा। जो अभियान के तहत सभी गतिविधियों से अवगत कराएगा। कहा कि अभियान को सफल बनाने में मीडिया की भूमिका अहम है। अतः मीडिया से अपेक्षा है कि अभियान को व्यापक रूप से प्रचारित कर इसे जन आंदोलन का स्वरूप देने में सहयोग करें।
सभी पंचायतों में रात्रि पाठशाला का होगा आयोजन
उपायुक्त ने कहा कि जिले की सभी पंचायतों में रात्रि पाठशालाएं चलाई जाएंगी। ये रात्रि पाठशालाएं दिशोम गुरू स्व. शिबू सोरेन के सम्मान में आयोजित की जाएंगी। इस पहल का उद्देश्य ग्रामीण बुजुर्गों/कामगार – श्रमिकों को शिक्षा का अवसर देना, साथ ही समाज में शिक्षा के महत्व के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। छात्रों और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले युवाओं को ध्यान में रखते हुए जिला मुख्यालय बोकारो में दिवा–रात्रि (24-7) पुस्तकालय स्थापित किया जाएगा। इस पुस्तकालय में विद्यार्थियों को शांत वातावरण, अध्ययन सामग्री और आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। पुस्तकालय चौबीसों घंटे खुला रहेगा, जिससे छात्रों को अपनी सुविधा अनुसार अध्ययन करने का पर्याप्त अवसर मिलेगा।
नशा मुक्त गांव बनाने के लिए चलाया जाएगा अभियान
अभियान अंतर्गत जिले के हर गांव को नशा मुक्त गांव बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए व्यापक जन जागरूकता अभियान चलाया जाएगा, जिसमें समाज के सभी वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। नशा मुक्ति के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे – जिनमें नशे के दुष्प्रभावों पर जनसंवाद, नशा छुड़ाने के शिविर और सामुदायिक निगरानी की व्यवस्था शामिल होगी। उपायुक्त ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा महिलाओं के सम्मान में मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना की शुरूआत की गई है। बहुत जल्द जिला प्रशासन मंईयां सम्मान से सशक्तिकरण कार्यक्रम शुरू करने जा रही है। इस कार्यक्रम के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों की सक्रिय भागीदारी होगी। इसका उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाना है, ताकि वे अपने परिवार और समुदाय में आत्मनिर्भरता का उदाहरण प्रस्तुत कर सकें।
125 गांवों चिन्हित किए गए
जानकारी हो कि, आदि कर्मयोगी अभियान - रेस्पॉन्सिव गवर्नेस प्रोग्राम के तहत जिले को 125 गांवों को चिन्हित किया गया है, जिसमें गोमिया प्रखंड में 72 गांव, पेटरवार प्रखंड में 18 गांव, चास प्रखंड में 06 गांव, नावाडीह प्रखंड में 04 गांव, चंदनकियारी प्रखंड में 02 गांव, चंद्रपुरा प्रखंड में 01 गांव, जरीडीह प्रखंड में 14 गांव, कसमार प्रखंड में 07 गांव एवं बेरमो प्रखंड में 01 गांव शामिल हैं। इन सभी गांवों का समग्र विकास करना प्रशासन का लक्ष्य हैं। मौके पर उप विकास आयुक्त शताब्दी मजूमदार, अपर समाहर्ता सह नोडल पदाधिकारी मुमताज अंसारी, अनुमंडल पदाधिकारी चास प्रांजल ढ़ांडा, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी रवि कुमार, जिला कल्याण पदाधिकारी एन एस कुजूर, एसडीओ बेरमो मुकेश मछुआ, सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी अविनाश कुमार सिंह, जिला वरीय लेखा पदाधिकारी पंकज दूबे समेत विभिन्न प्रिंट एवं ईलेक्ट्रानिक मीडिया के प्रतिनिधि आदि उपस्थित थे।