इस साल हरितालिका तीज व्रत विशेष संयोग में मनाया गया. इस साल तीज व्रत भौम जया सिद्ध, साध्य योग, शुभ योग और हस्त नक्षत्र व तृतीया तिथि का अद्भुत संयोग बना था. दिन भर निर्जला उपवास रखकर शाम को स्नान करने के उपरांत श्रद्धालु महिलाएं 16 श्रृंगार कर मंदिर गई. जहां पर भगवान शिव और पार्वती की पूजा कर अपने सुहाग की रक्षा का आशीर्वाद मांगा। उसके बाद पंडित की ओर से हरितालिका तीज व्रत की कथा का श्रवण किया। कई जगहों पर महिलाएं एकत्रित होकर पूजा अर्चना कर कथा सुनी। भगवान गणेश मंदिर, शिव मंदिर में विशेष रूप से पूजा अर्चना की व्यवस्था की गई थी.
शुभ योग में मनाई गई तीज का व्रत
ज्योतिषाचार्य पंडित मार्केण्डेय दूबे ने कहा कि इस साल तीज भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि में मनाई गई। व्रत में सौभाग्यवती स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु की कामना के लिए यह व्रत की। हस्त नक्षत्र युक्त तृतीया तिथि में ही हरितालिका व्रत से संबंधित भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की गई। काशी के पंचांग के अनुसार तृतीया तिथि 26 अगस्त मंगलवार को दिन में 12:39 तक रही। साध्य योग दिन में 1:12 तक और इसके बाद शुभ योग पूरी रात रही। भौम जया सिद्ध योग दिन में 12:39 तक रही।
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