भारतीय संस्कृति व जीवन दृष्टि पर आधारित चिन्मय विज़न प्रोग्राम


चिन्मय विद्यालय के सप्तर्षि भवन में आज से दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। कार्यशाला का विषय था चिन्मय विजन प्रोग्राम। मिशन के संस्थापक परम पूज्य गुरुदेव स्वामी चिन्मयानंद महाराज के विजन को यह पूरी तरह पूर्णतया सार्थक करता है। चिन्मय विजन प्रोग्राम और आधारित कार्यशाला में विद्यालय के रिसोर्स पर्सन मीणा श्रीराम, एडमिनिस्टेटर, चिन्मय सेंट्रल मिशन ट्रस्ट एजुकेशन सेल, विद्यालय सचिव महेश त्रिपाठी, प्राचार्य सूरज शर्मा, उप प्राचार्य नरर्मेन्द्र कुमार एवं हेडमास्टर गोपाल चंद्र मुंशी ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यशाला का शुभारंभ किया। पहले दिन मुख्य रिसोर्स पर्सन एवं मेंटर मीणा श्रीरान ने शिक्षकों को मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के महत्व के बारे में जानकारी दी गई. साथ ही, उन्हें बताया गया कि कैसे वे अपनी शिक्षा पद्धति में बच्चों को मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ करने के लिए कुछ खास एक्टिवीटी और अभ्यास करा सकती हैं. साथ ही, शिक्षकों से भी कुछ खास गतिविधियां कराई गईं. मीना श्रीराम ने सभी शिक्षकों से उनके विचार जाने और उसपर कैसे सुधार किया जा सकता है, इसको लेकर टिप्स दिए.

यह कार्यशाला भारतीय संस्कृति के ज्ञान पर आधारित

रिसोर्स पर्सन ने  कहा कि यह कार्यशाला भारतीय संस्कृति के ज्ञान पर आधारित है और छात्रों के शारीरिक मानसिक बौद्धिक और आध्यात्मिक पहलुओं के समग्र एकीकृत विकास पर केंद्रित है । ताकि वे जीवन की चुनौतियों का सकारात्मक ढंग से सामना कर सकें और समाज व विश्व में योगदान दे सकें।यह कार्यक्रम विद्यालय प्रबंधन, शिक्षकों और अभिभावकों को भी शामिल करता है, ताकि शिक्षा का प्रकाश समाज तक फैल सके।कार्यशाला का उद्देश्य बच्चों को जीवन का एक सच्चा दृष्टिकोण प्रदान करना। उन्हें सकारात्मक और गतिशील तरीके से चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करना, समाज में अपना योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध नागरिक बनाना, विद्यालय प्राचार्य सूरज शर्मा ने कार्यशाला के प्रारंभ में कहा कि यह कार्यशाला विद्यालय की सभी गतिविधियों का मूल है, जो केवल एक गतिविधि नहीं बल्कि एक जीवनदृष्टि है।


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