सोमवार को उपायुक्त अजय नाथ झा एवं उप विकास आयुक्त शताब्दी मजूमदार ने कसमार प्रखंड स्थित फार्मटांड़ का संयुक्त निरीक्षण किया। उसके बाद कसमार स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण किया गया. इस दौरान उन्होंने ओपीडी, दंत चिकित्सक कक्ष, युवा मैत्री केंद्र, शौचालय, दवा भंडार कक्ष एवं भंडार गृह का जायजा लिया।निरीक्षण में दवा भंडार कक्ष से एक्सपायरी दवाएं मिलने पर डीसी ने प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी को फटकार लगाई और इस तरह की गंभीर लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी। साथ ही उन्होंने निर्देश दिया कि सीएचसी परिसर की साफ-सफाई, शौचालयों की स्वच्छता एवं प्रकाश व्यवस्था में तत्काल सुधार किया जाए।निरीक्षण के दौरान उपायुक्त (डीसी) ने यह स्पष्ट कहा कि लापरवाही और शिथिलता किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी पदाधिकारियों को अपनी जिम्मेदारियां समय पर और पूरी ईमानदारी से निभानी होंगी।
महिला स्वयं सहायता समूहों की गतिविधियों की हुई समीक्षा
निरीक्षण के दौरान डीसी – डीडीसी ने जेएसएलपीएस स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की गतिविधियों की समीक्षा की। उन्होंने जेएसएलपीएस की दीदीओं को और अधिक सक्रिय बनाने, समूह कार्यों को पारदर्शी ढ़ंग से संचालित करने तथा योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक ग्रामीण परिवारों तक पहुँचाने का निर्देश दिया। 10 एसएचजी समूह जुड़ा है, इसकी संख्या बढ़ाने को कहा। डीसी ने कसमार प्रखंड को कृषि बेस्ड मॉडल प्रखंड के रूप में विकसित करने को कहा। उपस्थित टीम को इस दिशा में परियोजना तैयार करने की बात कहीं। डीसी ने कहा कि प्रत्येक गतिविधि को समयबद्ध और व्यवस्थित बनाने के लिए मासिक कैलेंडर तैयार करना जरूरी है। उन्होंने जेएसएलपीएस टीम को डीपीएम, डीडीसी के माध्यम से विभिन्न दैनिक गतिविधियों का मासिक कैलेंडर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। मौके पर अपर समाहर्ता मुमताज अंसारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी नम्रता जोशी, अंचलाधिकारी नरेंद्र कुमार सिंह, सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी अविनाश कुमार सिंह, नोडल पदाधिकारी पंकज दूबे आदि उपस्थित थे।
प्रखंड सह अंचल कार्यालय कसमार का निरीक्षण पर मिली खामियां
निरीक्षण के दौरान डीसी–डीडीसी ने प्रखंड सह अंचल कार्यालय का भी गहन निरीक्षण किया। पाया गया कि कार्यालय में आगत – निर्गत/सीएल/कैस पंजी का अद्यतन कार्य लंबित है। इस पर डीसी ने गहरी नाराजगी जताई और स्पष्ट कहा कि सरकारी अभिलेखों की अद्यतनता किसी भी स्थिति में सुनिश्चित होनी चाहिए। निरीक्षण के दौरान कई प्रकार की खामियां सामने आईं। विशेष रूप से समूह समन्वय की कार्यप्रणाली में कमी पाई गई। इस पर डीसी–डीडीसी ने एसएचजी समन्वयक से लिखित स्पष्टीकरण मांगा और चेतावनी दी कि लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। साथ ही, प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) एवं अंचल अधिकारी (सीओ) को निर्देशित किया गया कि वे नियमित निगरानी और स्थलीय भ्रमण सुनिश्चित करें।
नाजीर और प्रधान सहायक पर कार्रवाई
पंजी अद्यतन में लापरवाही और कार्यालयीन कार्य में ढ़िलाई के मद्देनजर डीसी ने संबंधित नाजीर एवं प्रधान सहायक का वेतन अगले आदेश तक स्थगित करने का आदेश दिया। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि एक सप्ताह की समय-सीमा के भीतर सभी पंजी अद्यतन किए जाएँ और इसकी रिपोर्ट सीधे जिला प्रशासन को सौंपी जाए। प्रखंड सभागार में आयोजित आदि कर्मयोगी योजना अंतर्गत प्रखंड स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ उपायुक्त, उप विकास आयुक्त एवं अंचलाधिकारी ने संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर डीसी ने कहा कि यह प्रशिक्षण सरकारी सेवाओं को अधिक प्रभावी, पारदर्शी और परिणामकारी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। अधिकारियों एवं कर्मचारियों को इससे लाभ उठाकर सर्विस डिलिवरी सेवा में सुधार लाना चाहिए।
महिलाओं से संवाद और मार्गदर्शन
निरीक्षण के दौरान प्रखंड कार्यालय पहुँची महिलाओं से डीसी ने सीधा संवाद किया। महिलाओं ने अपनी समस्याएँ, झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना की स्थिति तथा आवश्यक सहयोग की अपेक्षाएं सामने रखीं। डीसी ने उनकी बातों को ध्यानपूर्वक सुनते हुए संबंधित पदाधिकारियों को समस्याओं का तत्काल समाधान करने का निर्देश दिया। कहा कि देर शाम तक सभी आवेदनों में व्याप्त समस्या को सूचीबद्ध कर जिला को उपलब्ध कराएं, सभी का त्वरित समाधान किया जाएगा।