बोकारो जिले में लिंग चयन या कन्या भ्रूण हत्या से जुड़े किसी भी प्रकार के अपराध पर जीरो टॉलरेंस अपनाई जाएगी। सभी क्लीनिकों को अधिनियम के प्रावधानों का सख्ती से पालन करना होगा। लापरवाही पाए जाने पर संबंधित क्लीनिकों पर कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। उक्त बातें उपायुक्त अजय नाथ झा ने कहीं। वह बुधवार को गोपनीय स्थित कार्यालय कक्ष में पीसीपीएनडीटी समिति की जिला स्तरीय समीक्षा बैठक कर रहे थे।उन्होंने कहा कि आमजन में जागरूकता लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग और जनसंपर्क विभाग संयुक्त रूप से प्रचार-प्रसार अभियान चलाएं। बैठक में कन्या भ्रूण हत्या एवं लिंग जांच पर प्रभावी नियंत्रण के लिए आवश्यक कदमों पर विस्तृत चर्चा की गई। उपायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे कानून के पालन में कठोरता एवं तत्परता सुनिश्चित करें।
कन्या भ्रूण हत्या पर रोक के लिए प्रशासन प्रतिबद्ध
बैठक में उपायुक्त ने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या एक जघन्य सामाजिक अपराध है, जो समाज की संरचना और संतुलन पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि बोकारो जिला प्रशासन पीसीपीएनडीटी अधिनियम के सख्त पालन के लिए प्रतिबद्ध है। किसी भी अल्ट्रासाउंड केंद्र या चिकित्सक द्वारा इस अधिनियम का उल्लंघन पाएं जाने पर विधिक कार्रवाई और लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया तत्काल आरंभ की जाएगी। उपायुक्त ने पीसीपीएनडीटी जिला समिति के पुनर्गठन का निर्देश दिया, जिसमें स्थानीय अधिवक्ता, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि समिति की संरचना ऐसी होनी चाहिए, जो लिंग भेदभाव के विरुद्ध जागरूकता और निगरानी दोनों की दिशा में प्रभावी भूमिका निभा सके।
निरीक्षण और रिपोर्टिंग प्रणाली को किया गया सुदृढ़
बैठक में निर्णय लिया गया कि अल्ट्रासाउंड केंद्रों की नियमित जांच, उनकी मशीनों, रिकॉर्ड रजिस्टर और लाइसेंस संबंधी दस्तावेजों की समग्र समीक्षा की जाएगी। निरीक्षण दल की रिपोर्ट हर महीने उपायुक्त को प्रस्तुत की जाएगी। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी केंद्र लिंग परीक्षण जैसे अवैध कार्यों में संलिप्त नहीं हो। बैठक का समापन इस संकल्प के साथ हुआ कि बोकारो जिला प्रशासन कन्या भ्रूण हत्या पर पूर्ण नियंत्रण और बेटियों की सुरक्षा एवं सम्मान सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहेगा। बेटियों के जन्म पर उनके अभिभावकों को बधाई हो बेटी हुई है... के तहत उपहार देने का निर्णय लिया गया।
लिए गए कई प्रमुख निर्णय
प्रत्येक माह पीसीपीएनडीटी समीक्षा बैठक का आयोजन किया जाएगा, जिसमें सभी सदस्यों की उपस्थिति अनिवार्य होगी। समिति में स्थानीय स्तर के एक अधिवक्ता को सदस्य के रूप में जोड़ा जाएगा, ताकि विधिक सलाह और कार्रवाई में पारदर्शिता सुनिश्चित हो। अनुमंडल पदाधिकारी, चास एवं बेरमो क्षेत्र के सभी अल्ट्रासाउंड क्लीनिकों का औचक निरीक्षण करेंगे और प्रत्येक माह की बैठक में निरीक्षण प्रतिवेदन प्रस्तुत करेंगे। यदि किसी अल्ट्रासाउंड केंद्र द्वारा पीसीपीएनडीटी अधिनियम के निर्धारित मापदंडों का पालन नहीं किया जाता है, तो समिति के सदस्य निरीक्षण के पश्चात उपायुक्त के अनुमोदन से विधिसम्मत कार्रवाई करेंगे। बैठक में उप विकास आयुक्त शताब्दी मजूमदार, अनुमंडल पदाधिकारी चास प्रांजल ढ़ांडा, सिविल सर्जन डा. अभय भूषण प्रसाद, उपाधीक्षक सदर अस्पताल डा. एन.पी. सिंह, आरसीएच पदाधिकारी डा. सेलीना टुडू,डीपीएम रविशंकर, जिला डेटा प्रबंधक कंचन, समिति के सदस्य सहित अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।
