कार्तिक पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने दामोदर में स्नान कर भगवान सूर्य की आराधना


कार्तिक पूर्णिमा पर काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने दामोदर सहित कई नदियों और सरोवरों में स्नान किया। स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। उसके बाद विभिन्न मंदिरों में भक्तों ने पूजा-अर्चना की. शास्त्रों के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा व गंगा स्नान के नाम से भी जाना जाता है. 
इस पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा की संज्ञा इसलिए दी गई है क्योंकि आज के दिन ही भगवान भोलेनाथ ने त्रिपुरासुर नामक महाभयानक असुर का अन्त किया था और वे त्रिपुरारी के रूप में पूजित हुए थे।

कृतिका में शिव शंकर का दर्शन शुभ फलदायी होता है 

ऐसी मान्यता है कि इस दिन कृतिका  में शिव शंकर के दर्शन करने से सात जन्म तक व्यक्ति ज्ञानी और धनवान होता है। इस दिन चंद्र जब आकाश में उदित हो रहा हो उस समय शिवासंभूतिसंततिप्रीतिअनुसूया और  कृतिकाओं का पूजन करने से शिव जी की प्रसन्नता प्राप्त होती है। इस दिन गङ्गा नदी में स्नान करने से भी पूरे वर्ष स्नान करने का फल मिलता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन तमिलनाडु में अरुणाचलम पर्वत की 13 किमी की परिक्रमा होती है। सब पूर्णिमा मै से ये सबसे बड़ी परिक्रमा कहलाती है । लाखों लोग यहाँ आकर परिक्रमा करके पुण्य कमाते है । अरुणाचलम पर्वत पर कार्तिक पूर्णिमा  का आश्रम है.  वहीं स्कन्द पुराण लिखा गया था. 


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