विस्थापित रैयतों के अधिकारों के लिए डेरा डालो घेरा डालो कार्यक्रम भी करेंगे : अरूप चटर्जी


बोकारो उत्तरी क्षेत्र के विस्थापित गांवों को पंचायत में शामिल करने आदि मांगों को लेकर डीसी कार्यालय के समीप विस्थापितों ने धरना दिया। इस दौरान विधायक अरूप चटर्जी ने कहा कि 2010 में तत्कालीन उपायुक्त विमल कीर्ति सिंह ने 13 मौजा को पंचायत में शामिल किया था.  उस समय विस्थापित की जमीन का म्यूटेशन बीएसएल के नाम पर नहीं किया गया तो अब इन 7  मौजा को पंचायत में शामिल करने के लिए बीएसएल के नाम पर उन जमीनों का म्यूटेशन क्यों जरूरी हो गया. 

7 मौजा में लाखों की आबादी रहती है 

कुण्डौरी, शिबुटांड़, पंचौरा, महेशपुर, कनफट्टा, बैद्यमारा, महुआर को छोड़ दिया गया. इन गांवों में रहने वाले लोगों का ना तो जाति, आय और आवासीय प्रमाण पत्र बन पाता है.  जिसकी वजह से विस्थापित युवा किसी भी नौकरी के लिए आवेदन नहीं कर पा  रहे हैं. जिसकी वजह से ग्रामीणों में रोष है. मौके पर  विनोद राय, प्रदीप कुमार, संतोष कुमार सिंह, संतोष कुमार मुरमू, भीम रजक, राजकुमार, कमालुद्दीन अंसारी, वकील सिंह, गणेश चंद्र दे, दुर्गा मांझी, गौरी शंकर महतो, सजल कुमार,  अध्यक्षता खीरधर महतो संचालन संतोष कुमार सिंह देवदीप सिंह दिवाकर, हलदर महतो इत्यादि ने संबोधित किया। 

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