जरूरतमंद लोगों को प्यार व स्थिरता से समस्या सुनें अधिकारीः उपायुक्त


जनजातीय कार्य मंत्रालय,भारत सरकार के आदि कर्मयोगी अभियान - रेस्पॉन्सिव गवर्नेस प्रोग्राम के  तहत चास स्थित वीणा  रिजेंसी सभागार में आयोजित तीन दिवसीय आदि कर्मयोगी डिस्ट्रिक्ट प्रोसेस लैब (प्रशिक्षण) सोमवार को संपन्न हो गया। समापन सत्र में उपायुक्त अजय नाथ झा, उप विकास आयुक्त शताब्दी मजूमदार, डीपीएलआर निदेशक मेनका, अपर समाहर्ता मुमताज अंसारी आदि शामिल हुए। मौके पर उपायुक्त व अन्य पदाधिकारियों ने सभी प्रतिभागियों के बीच प्रमाण पत्र वितरित किया और प्रशिक्षण से अर्जित ज्ञान को क्षेत्रीय कार्यों में लागू करने का आह्वान किया।

जरूरतमंदों की समस्या को प्यार व  स्थिरता से सुनें अधिकारी


उपायुक्त ने अपने संबोधन में अधिकारियों से अपेक्षा की कि वे कार्यालय आने वाले जरूरतमंद लोगों की समस्याओं को प्यार – संवेदनशीलता - धैर्य और स्थिरता के साथ सुनें। उन्होंने कहा कि जनसेवा का मूल भाव तभी पूरा होगा, जब हम जनता की आवाज को गंभीरता से सुनेंगे। आमजन बड़ी उम्मीद के साथ अपनी समस्या लेकर आता है, अगर हम तत्काल कुछ कर भी नहीं सकें। फिर भी अगर उसकी बात को प्यार – स्थिरता से सुनेंगे तो आधी समस्या उसकी समाप्त हो जाएगी। इसलिए इस दिशा में सभी काम करें।

आदिवासी गांवों के लिए तैयार करें विलेज एक्शन प्लान

उपायुक्त ने आदि कर्मयोगी अभियान - रेस्पॉन्सिव गवर्नेस प्रोग्राम के तहत विशेष रूप से आदिवासी विकास पर बल देते हुए कहा कि जिले के चिन्हित 125 आदिवासी गांवों का टीम ग्रामीणों के सहयोग से विलेज एक्शन प्लान तैयार करें। इसके माध्यम से योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम पंक्ति तक पहुंचेगा और सतत विकास की दिशा में ठोस कदम उठाए जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि जहां – जो गैप (खाली) है उसे हमे भरना है, आदिवासी गांवों का सर्वागिन विकास करना है। 

तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल समापन

आदि कर्मयोगी के जिला स्तरीय प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को सामुदायिक सहभागिता, पारदर्शिता, सतत विकास, योजना निर्माण और समस्या समाधान के व्यावहारिक तरीकों पर मार्ग दर्शन दिया गया। जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनर प्रोबेशनर श्री संदीप शिंदे, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी डा. सुमन गुप्ता, जिला शिक्षा पदाधिकारी श्री जगरनाथ लोहरा, वरीय लेखा पदाधिकारी पंकज दूबे आदि के द्वारा प्रतिभागियों के बीच समूह गतिविधियां, केस स्टडी और अनुभव साझा करने का सत्र आयोजित किया गया। इन सबके माध्यम से प्रतिभागियों ने जमीनी स्तर पर कार्य करने की नई दृष्टि प्राप्त की।

प्रतिभागियों के बीच प्रमाण पत्र वितरित 

समापन अवसर पर उपायुक्त ने सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र सौंपते हुए कहा कि आदि कर्मयोगी प्रशिक्षण नहीं केवल अधिकारियों की कार्य क्षमता को बढ़ाएगा, बल्कि समाज की अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक विकास की रोशनी पहुंचाने में भी सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने उपस्थित उप विकास आयुक्त को सितंबर एवं अक्टूबर माह में बेहतर कार्य करने वाले कर्मियों – अधिकारियों को चिन्हित करने को कहा। बेहतर काम करने वाले कर्मियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित करने, उनके निजी कार्य मूल्यांकन में भी उसे अंकित करने की बात कहीं। उन्होंने सभी को अभियान के उद्देश्य को पूरा करने का आह्वान किया। 


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