राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, गृह मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली एवं राज्य सरकार के सहयोग से संचालित बिजली (आकाशीय तड़ित) सुरक्षा हेतु शमन परियोजना (एमपीएलएस) योजना अंतर्गत जिले के गोमिया, कसमार, चारा एवं चन्दनकियारी अंचलों के चयनित पंचायतों में वज्रपात से बचाव विषय पर विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इसी क्रम में सोमवार को चास प्रखंड स्थित रामरूद्र मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालय चास एवं मध्य विद्यालय चास में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी श्री शक्ति कुमार समेत टीम के अन्य सदस्य शामिल हुए।
वज्रपात से बचाव के एहतियाती उपाय बताएं
जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी (डीडीएमओ) शक्ति कुमार ने वज्रपात से बचाव और एहतियाती उपायों पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने कहा कि थोड़ी सी सावधानी और सतर्कता से जान-माल की हानि से बचा जा सकता है। बच्चों को बताया कि वज्रपात के समय खुले मैदान, पेड़ के नीचे, बिजली के खंभों या ऊँची संरचनाओं के पास खड़े होने से बचें। बरसात के दौरान मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के उपयोग से परहेज करें तथा सुरक्षित घर या भवन में आश्रय लें। जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया। जिसमें एलईडी वैन प्रदर्शन, नुक्कड़ नाटक, स्कूल एक्टिविटी, क्विज प्रतियोगिता, और वॉल पेंटिंग आदि शामिल था। इन माध्यमों से वज्रपात से बचाव के उपायों को सहज और प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम में सामुदायिक भागीदारी पर दिया जोर
कार्यक्रम के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के लिए सामुदायिक भागीदारी और जागरूकता बेहद आवश्यक है। यदि ग्रामीण एवं शहरी दोनों स्तर पर लोग सतर्क रहें तो वज्रपात से होने वाली जनहानि एवं संपत्ति क्षति को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
Tags
झारखण्ड