आयुर्वेद के महत्व के बारे में सभी को अवगत कराना बेहद जरूरी


आयुर्वेद दिवस के अवसर पर 'स्वास्थ्य एवं पर्यावरण संरक्षण संस्थान बोकारो के पर्यावरण-मित्र आश्रम में 'हमारा स्वास्थ्य और आयुर्वेद' विषय पर एक संगोष्ठी आयोजित की गई। आज के दिवस को आयुर्वेद दिवस के रूप में केंद्र सरकार द्वारा घोषित कर इसके महत्व को जनजन तक पहुंचाने का प्रयास किया गया है। संस्थान द्वारा इस पुनीत कार्य के लिए देश के प्रधानमंत्री मोदीजी को धन्यवाद दिया गया। संगोष्ठी की अध्यक्षता कार्यकारी अध्यक्ष रघुवर प्रसाद ने तथा संचालन महासचिव शशि भूषण ओझा 'मुकुल' ने किया। आयुर्वेद के ऊपर प्रकाश डालते हुए संस्थान के उपाध्यक्ष वैद्य गणेश साव ने अडूसा, गिलोय, कचनार, कंटकारी, सरफूंका, अपामार्ग जैसी अनेकों औषधीय पौधों के विषय में बताते हुए कहा कि आयुर्वेद हमारे स्वस्थ के लिए अमृत की तरह गुणकारी है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के आयुष चिकित्सक डॉ. पूर्णेंदु गोस्वामी ने कहा कि सरकार द्वारा आयुर्वेद को जनसुलभ और सस्ता इलाज के रूप में लोगों के लिए उपलब्ध कराने का सराहनीय प्रयास किया जा रहा है। 

विदेशी चिकित्सा पद्धति ने आयुर्वेद को नुकसान पहुंचाया है 

वैद्य राजेश पाठक ने कहा कि आज आयुर्वेद पर अनेक शोध हो रहे हैं और अनेकों औषधियां बनाई जारही हैं जो रामबाण की तरह काम कर रही हैं । मुकुल ने कहा कि विदेशी आक्रांताओं तथा विदेशी चिकित्सा पद्धतियों ने आयुर्वेद के ज्ञान और इसकी पुस्तकों को नष्ट करने का काम किया है साथ ही इसके विषय में भ्रामक प्रचार कर इस चिकित्सा पद्धति को बहुत ही नुकसान किया है.  संगोष्ठी में रघुवर प्रसाद, शशि भूषण ओझा 'मुकुल', वैद्य गणेश साव, डॉ. पूर्णेंदु गोस्वामी, वैद्य राजेश पाठक, उमेश शर्मा, मृणाल चौबे, ब्रजेश मिश्र शप्पू, अजीत भगत, मनीष झा, डीके त्रिवेदी, अनुराग मिश्र, ललित कुमार, कुंदन उपाध्य, रोहित सिंह, वीरेंद्र मिश्र, यू सी दुबे सहित कई विशिष्ट लोगों ने अपना विचार व्यक्त करते हुए आज के समय में आयुर्वेद की महत्ता पर प्रकाश डाला।

और नया पुराने