डीएमएफटी फंड खर्च की होगी सख्त निगरानी, सीएजी करेगा ऑडिट


रविवार को जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी) की प्रबंधकीय समिति की बैठक उपायुक्त अजय नाथ झा ने गोपनीय कार्यालय कक्ष में की। बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि डीएमएफटी मद से होने वाले व्यय की प्राथमिकता तय की जायेगी। इस क्रम में खनन प्रभावित क्षेत्र को लाल क्षेत्र (रेड जोन) एवं सामान्य क्षेत्र को नारंगी क्षेत्र (ऑरेंज जोन) के रूप में वर्गीकृत कर कार्यान्वयन किया जायेगा।

महालेखा परीक्षक द्वारा लेखा परीक्षण

बैठक में उपायुक्त ने वित्तीय वर्ष 2024-25 से अब तक डीएमएफटी मद से किए गए कार्यों का महालेखा परीक्षक (सीएजी) द्वारा अंकेक्षण (ऑडिट) कराया जाएगा। इस संबंध में उप विकास आयुक्त शताब्दी मजूमदार को आवश्यक आदेश प्राप्त करने हेतु अधिकृत किया गया।

जिला स्तरीय भौतिक जांच दल का गठन

डीएमएफटी मद से संचालित और पूर्ण योजनाओं की भौतिक जांच कराने के लिए 04 अलग-अलग दल गठित करने का निर्णय लिया गया। जिसमें भौतिक निरीक्षण दल, प्रक्रियागत कार्य दल, तकनीकी मानक दल एवं सामाजिक लेखा परीक्षण दल गठन का निर्णय लिया गया।

अभिलेखों का संरक्षण करने का निर्णय

बैठक में सर्व सहमति से निर्णय लिया गया कि डीएमएफटी शाखा के अभिलेखों को सुरक्षित रखने के लिए शाखा में सीसीटीवी कैमरा लगाया जायेगा, सभी अभिलेखों का संरक्षण करने, इस कार्य के लिए एक दल गठित करने का निर्देश उप विकास आयुक्त को दिया गया, कार्य में सहयोग हेतु जिला योजना पदाधिकारी श्री राज कुमार शर्मा को नामित किया गया। उक्त सभी कार्य को एक सप्ताह की समयावधि में पूर्ण किया जाएगा।

विधिक परामर्शदाता का लिया जाएगा सहयोग

समिति के सभी सदस्यों की सहमति से निर्णय लिया है कि माननीय न्यायालयों में लंबित एवं भावी वादों के समुचित संचालन हेतु डीएमएफटी की ओर से एक विधिक परामर्शदाता (लीगल एडवाइजर) का सहयोग लिया जायेगा। बैठक में पुलिस अधीक्षक हरिवंदर सिंह, उप विकास आयुक्त शताब्दी मजूमदार, वन प्रमंडल पदाधिकारी संदीप शिंदे, सिविल सर्जन डा. एबी प्रसाद, प्रभारी पदाधिकारी डीएमएफटी कोषांग प्रभाष दत्ता, जिला पंचायती राज पदाधिकारी सफीक आलम एवं जिला खनन पदाधिकारी रवि कुमार आदि उपस्थित थे।

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