डॉ. राधाकृष्णन सहोदया स्कूल कॉम्प्लेक्स, बोकारो की ओर से एमएसएमई, नीति आयोग, भारत सरकार से संबद्ध सीईडी (सेंटर फॉर एजुकेशनल डेवलपमेंट) फाउंडेशन के तत्वावधान में शनिवार को डीपीएस बोकारो की मेजबानी में प्रतिष्ठित स्कूल लीडरशिप समिट एंड अवार्ड्स- 2025 के 18वें संस्करण का भव्य आयोजन किया गया। इस एक दिवसीय शिखर सम्मेलन सह सम्मान समारोह में झारखंड, बिहार और ओडिशा के 100 से अधिक प्राचार्यों व शिक्षकों ने हिस्सा लिया। अलग-अलग सत्रों में अतिथि वक्ताओं के उद्बोधन से लेकर पैनल डिस्कशन व अन्य प्रस्तुतियों के जरिए विद्यार्थी-केन्द्रित हितकारी शिक्षा-व्यवस्था सुनिश्चित करने पर बल दिया गया। भारत की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 किस प्रकार विद्यार्थियों का उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित कर सकती है और कैसे मूल्यांकन प्रणाली को पुनर्परिभाषित किया जा सकता है, इस विषय पर शिक्षाविदों ने गहन विचार-मंथन किया। इस दौरान विभिन्न मानकों के आधार पर चुने गए कई शिक्षाविद अपने उत्कृष्ट शैक्षणिक योगदान के लिए सम्मानित भी किए गए।
राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों की है अहम भूमिका
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिले के उपायुक्त अजय नाथ झा ने इस आयोजन को शिक्षा के क्षेत्र में मील का पत्थर बताते हुए सशक्त राष्ट्र-निर्माण में शिक्षकों की महती भूमिका रेखांकित की। उन्होंने कहा कि शिक्षक वह व्यक्तित्व है, जिसके सामने हर किसी का सिर सम्मान से झुकता है। वे शिक्षक ही हैं, जो देश को एक सफल डॉक्टर, इंजीनियर और प्रशासक देते हैं। उन्होंने उपस्थित प्राचार्यों से विद्यार्थियों को सफल नागरिक बनाने का आह्वान करते हुए कहा कि शिक्षक राष्ट्र-निर्माण की सबसे मजबूत दीवार और सबसे भरोसेमंद कंधा हैं, जिनसे देश को बहुत उम्मीद है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सफल क्रियान्वयन की चर्चा करते हुए उन्होंने शैक्षणिक स्तर को सदैव ऊंचा बनाए रखने की आवश्यकता बताई। इसके बाद उपायुक्त श्री झा ने शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय एवं उत्कृष्ट योगदान के लिए झारखंड, बिहार एवं ओडिशा के कुल 35 वरिष्ठ शिक्षाविदों को शिक्षक रत्न सम्मान, शिक्षक गौरव सम्मान एवं भारतीय गौरव सम्मान से नवाजा।
नई शिक्षा नीति मील का पत्थर साबित होगा
इसके पूर्व, उद्घाटन सत्र की शुरुआत अतिथि वक्ताओं एवं अन्य वरिष्ठ शिक्षाविदों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर की। गुरु गोविंद सिंह पब्लिक स्कूल, सेक्टर-5 के विद्यार्थियों ने स्वागत गान तथा श्री अय्यप्पा पब्लिक स्कूल के छात्र-छात्राओं ने गणेश वंदना पर सुंदर नृत्य प्रस्तुत किया। अपने स्वागत संबोधन में डीपीएस बोकारो के प्राचार्य एवं डॉ. राधाकृष्णन सहोदया स्कूल कॉम्प्लेक्स, बोकारो के अध्यक्ष डॉ. एएस गंगवार ने सभी अभ्यागतों का स्वागत करते हुए एनईपी 2020 को भारत के भविष्य-निर्माण का ब्लूप्रिंट बताया। साथ ही, विद्यालय के नेतृत्वकर्ताओं को हजारों जिंदगियां संवारने का माध्यम बताते हुए इस नीति के क्रियान्वयन में उनकी अहम भूमिका पर बल दिया। साथ उदय और बढ़ने से संबंधित सहोदया के ध्येय को भी उन्होंने स्पष्ट किया। इसके बाद द पेंटेकोस्टल एसेंबली स्कूल, बोकारो के छात्र-छात्राओं के दल ने झारखंडी लोकनृत्य की प्रस्तुति से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
बच्चों में सीखने की प्रवृति को बढ़ाना होगा
तदुपरांत पहले अतिथि वक्ता सीबीएसई सहोदया स्कूल कॉम्प्लेक्स, पूर्वी ओडिशा चैप्टर तथा सीईडी फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. प्रियदर्शी नायक ने इस आयोजन को शिक्षा के भविष्य को सही दिशा देने का सशक्त प्रयास बताया। उन्होंने दो बोर्ड परीक्षाएं, ओपन बुक एग्जाम की प्रणाली पर चर्चा करते हुए इसे विद्यार्थियों को तनावमुक्त बनाने, उनमें सीखने की प्रवृत्ति विकसित करने आदि के लिए महत्वपूर्ण बताया। दूसरे वक्ता के रूप में विनोबा भावे विश्वविद्यालय, हजारीबाग के कुलपति, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग के पूर्व अध्यक्ष एवं एनईपी 2020 निर्माण के प्रारूप समिति सदस्य प्रो. (डॉ.) सी. बी. शर्मा ने शैक्षणिक सुधार की दिशा में ऐसे आयोजन को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने एनईपी 2020 के सफल क्रियान्वयन में शिक्षकों, विद्यार्थियों और अभिभावकों की सम्मिलित भूमिका पर भी बल दिया। तीसरे वक्ता के रूप में राष्ट्रीय स्तर की लब्ध-प्रतिष्ठित मनोचिकित्सक डॉ. चीनू अग्रवाल ने छात्र-हित से संबंधित मनोभाव, परिस्थितियों और भावनाओं के बारे में जानकारी देते हुए सदैव सकारात्मक बने रहने को प्रेरित किया।
डिजिटल लर्निंग पर दिया गया जोर
इस बीच विद्यालयी शिक्षा की पुनर्कल्पना के तहत एनईपी 2020 ने पाठ्यक्रम, मूल्यांकन एवं अध्यापन को किस प्रकार नया आकार दिया है, इस पर पैनल डिस्कशन भी आयोजित किया गया। श्री अय्यप्पा पब्लिक स्कूल की प्राचार्या पी. शैलजा जयकुमार के संचालन में आयोजित इस डिस्कशन में पैनलिस्ट के तौर पर डीपीएस धनबाद की प्राचार्या डॉ. सरिता सिन्हा, जीजीपीएस, सेक्टर-5 बोकारो के प्राचार्य अभिषेक कुमार, पेंटिकॉस्टल एसेंबली स्कूल की प्राचार्या डॉ. करुणा प्रसाद, होलीक्रॉस स्कूल बालीडीह की प्राचार्या डॉ. सिस्टर कीर्ति किरण और डीपीएस चास की निदेशक व प्राचार्या डॉ. मनीषा तिवारी शामिल थीं। अरविन्द कुमार ने 2 से 8 आयु वर्ग के बच्चों के लिए डिजिटल लर्निंग पर एक प्रस्तुतीकरण दिया। समारोह के अंत में धन्यवाद ज्ञापन सहोदया बोकारो के महासचिव एवं एआरएस पब्लिक स्कूल के प्राचार्य विश्वजीत पात्रा ने किया। कार्यक्रम का संचालन मेजबान डीपीएस बोकारो की शिक्षिका स्वाति सिन्हा ने किया। इस अवसर पर उक्त शिक्षाविदों के अलावा, सहोदया की उपाध्यक्ष एवं होली क्रॉस स्कूल, चंदनकियारी की प्राचार्या सिस्टर कमला पॉल, पेंटिकॉस्टल एसेंबली स्कूल के निदेशक एवं सहोदया के संस्थापक सदस्य डॉ. ध्रुव नारायण प्रसाद, एआरएस पब्लिक स्कूल के निदेशक रामलखन यादव सहित कई वरिष्ठ शिक्षाविद उपस्थित थे। अंत में सहोदया बोकारो के अध्यक्ष एवं मेजबान डीपीएस बोकारो के प्राचार्य डॉ. गंगवार ने मुख्य अतिथि सहित सभी प्रमुख अभ्यागतों को शॉल से अलंकृत कर सम्मानित किया। समापन राष्ट्रगान से हुआ।
