समाहरणालय में जिला स्तरीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन
समाहरणालय स्थित सभागार में शुक्रवार को जिला समाज कल्याण विभाग की ओर से निषिद्ध मादक पदार्थों के दुरूपयोग रोकने को लेकर जिला स्तरीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी अजय नाथ झा ने की।
भविष्य से जुड़ा है यह गंभीर विषय: डीसी
उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी ने कहा कि काफी महत्वपूर्ण विषय पर यह प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया है, इसमें बताई गई बातों को ध्यान से सुनें और इस दिशा में गंभीरता से कार्य करें, इसके परिणाम काफी दूरगामी है, यह हमारे बच्चों – युवाओं के भविष्य से जुड़ा मामला है।
टीम जिले में चलाएगी छापेमारी अभियान
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन मादक पदार्थों के सप्लाई चैन को ध्वस्त करने को लेकर सभी जरूरी कदम उठाएगा। संबंधित विभाग के पदाधिकारी टीम बनाकर लगातार जिले में छापेमारी अभियान चलाएगी।
मास्टर ट्रेनरों को दी गई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी
उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी ने प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे प्रखंड स्तरीय मास्टर ट्रेनरों को बच्चों – युवाओं को यह अवगत कराने को कहा कि उनका व्यक्तित्व कितना महत्वपूर्ण है। हमारे देश के लिए उनका क्या योगदान है। अगर वह मादक पदार्थों का सेवन करेंगे, तो उनका व्यक्तित्व खोखला हो जाएगा। इसके दुष्परिणामों से उन्हें अवगत कराएं। इस कार्य को सभी मास्टर ट्रेनर एक संकल्प के रूप में लें, स्वयं में बदलाव लाएं और क्षेत्र में एक्टिविस्ट की तरह काम करें।
डीसी ने सभी को दिलाई शपथ
उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी ने उपस्थित सभी को शपथ दिलायी। कहा कि युवा किसी भी राष्ट्र की ऊर्जा होते हैं तथा युवाओं की शक्ति समाज एवं देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करते है। अतः यह अति आवश्यक है कि नशामुक्त भारत अभियान में सर्वाधिक संख्या में युवा जुड़े।
देश की इस चुनौती को स्वीकार करते हुए हम आज नशामुक्त भारत अभियान के अन्तर्गत एक जुट होकर प्रतिज्ञा करते हैं कि न केवल समुदाय, परिवार, मित्र, बल्कि स्वयं को भी नशामुक्त कराएँगे, क्योंकि बदलाव की शुरूआत अपने आप से होनी चाहिए।
इसलिए आइए हम सब मिलकर अपने जिलें व राज्य (झारखण्ड) को नशामुक्त कराने का दृढ़ निश्चय करें।
"मैं प्रतिज्ञा करता हूँ कि अपने देश को नशामुक्त करने के लिए अपनी क्षमता के अनुसार हर सम्भव प्रयास करूँगा। जय हिन्द!"
जिसका सभी ने दोहराव किया।
मास्टर ट्रेनर को दिया गया प्रशिक्षण
वहीं, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी ने बताया कि प्रशिक्षण सह कार्यशाला में प्रखंड स्तरीय सभी सीडीपीओ, महिला पर्यवेक्षिकाओं, विभिन्न निजी संस्थाओं, विभिन्न विभागों के कर्मियों को विशेषज्ञों द्वारा मास्टर ट्रेनर का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
यह सभी आगे प्रखंड – पंचायत स्तर पर अन्य लोगों को निषिद्ध मादक पदार्थों के दुरूपयोग रोकने को लेकर जागरूक करेंगे। उन्होंने "नशे को ना, जिंदगी को हां" के स्लोगन को जन जन तक पहुंचाने की बात कही।
नशीले पदार्थों के दुरुपयोग को समझाना होगा
प्रशिक्षण सह कार्यशाला में नशीली दवाओं और पदार्थों के दुरूपयोग को समझना, कानून – अधिकार और संरक्षण तंत्र, पदार्थों के दुरुपयोग के विभिन्न आयाम और जीवन कौशल और प्रतिरोध तकनीक का निर्माण, नए उपयोगकर्ताओं को रोकने के लिए रणनीतियां, ड्रग्स और लत, संचार और सामुदायिक लामबंदी, 15 दिवसीय जागरूकता अभियान योजना और मुख्य संदेश साझा करना विषयों पर क्रमवार विषय विशेषज्ञों ने जानकारी दी।
कार्यक्रम में मौजूद रहे कई अधिकारी और विशेषज्ञ
मौके पर जिला समाज कल्याण पदाधिकारी डा. सुमन गुप्ता, राज्य समन्वयक के प्रतिनिधि डॉक्यूमेंटेशन ऑफिसर एसएलसीए सुशील कुमार, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी रवि कुमार, पुलिस निरीक्षक रूपेश कुमार, साइकाइट्रिस्ट डा. प्रशांत मिश्रा, सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी अविनाश कुमार, जिला परामर्शी एनटीसीपी मो. असलम आदि उपस्थित थे।