यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) लेनदेन पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) चार्ज लगाए जाने को लेकर सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों पर फैल रही अफवाहों को सरकार ने पूरी तरह से खारिज कर दिया है।
वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यूपीआई लेनदेन पर एमडीआर चार्ज लगाए जाने की अटकलें और दावे पूरी तरह से झूठे, निराधार और भ्रामक हैं। यह स्पष्टीकरण मंत्रालय द्वारा अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट के माध्यम से साझा किया गया।
मंत्रालय ने यह भी कहा कि इस तरह की निराधार और सनसनीखेज अफवाहें आम नागरिकों के बीच अनावश्यक भय, संदेह और अनिश्चितता को जन्म देती हैं, जो किसी भी तरह से सकारात्मक नहीं है।
सरकार की ओर से यह भी दोहराया गया कि वह यूपीआई के माध्यम से डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। ऐसे में नागरिकों से अपील की गई है कि वे सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रही अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल आधिकारिक स्रोतों से प्राप्त जानकारी पर ही भरोसा करें।
Speculation and claims that the MDR will be charged on UPI transactions are completely false, baseless, and misleading.
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) June 11, 2025
Such baseless and sensation-creating speculations cause needless uncertainty, fear and suspicion among our citizens.
The Government remains fully committed…
स्रोत: यह जानकारी भारत सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा उनके आधिकारिक ट्विटर हैंडल के माध्यम से जारी की गई है।