बेटियों के जन्म लेने पर मनाएं उत्सव, उन्हें हर हाल में करें शिक्षित


महिलाएं अबला नहीं, सदियों से सशक्त रही हैं। पूरी कायनात आपके बदौलत चल रही है। वर्तमान समय में पंचायतों में महिलाओं की भागीदारी एक अहम बदलाव का संकेत है और इसका उद्देश्य केवल प्रतिनिधित्व नहीं, बल्कि नेतृत्व की भूमिका को मजबूती देना है। गांव और पंचायत से जुड़े फैसलों में उन्हें खुद निर्णय लेना है, न कि किसी दूसरे के निर्देश पर चलना है। कोई भी निर्णय आप पर नहीं थोपा जाए, यह सुनिश्चित करना आपकी जिम्मेदारी है। उक्त बातें उपायुक्त अजय नाथ झा ने कहीं। वह शनिवार को जिले के टाउन हॉल में पंचायती राज विभाग द्वारा जिले के महिला मुखियाओं के लिए सशक्त पंचायत – नेत्री अभियान अंतर्गत आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। 

मुखिया पंचायत की प्रथम नागरिक

उपायुक्त ने कहा कि आप पंचायत की प्रथम नागरिक हैं और आपकी समझदारी ही गांव के विकास की दिशा तय करेगी। पुरूषों के अंदर यह अहंकार होता है कि, वहीं सब कर सकते हैं। इससे उन्हें बाहर लाना होगा, वर्तमान में यह कम भी हुआ है और एक दिन खत्म भी हो जाएगा। लेकिन, इसके लिए आपको लगातार प्रयास करना होगा। अपने परिस्थितियों को समझ आगे बढ़ें।


ग्रामीणों के भरोसे पर खरा उतरें, अन्य महिलाओं को भी करें सशक्त

उपायुक्त ने कहा कि गांव की जनता ने आप पर भरोसा कर आपको प्रतिनिधि चुना है। यह केवल पद नहीं, बल्कि एक जिम्मेवारी है। उन्होंने कहा कि महिला मुखियाओं को चाहिए कि वे अन्य महिलाओं को भी समाज में नेतृत्व की प्रेरणा दें और पंचायत की योजनाओं में उन्हें सहभागी बनाएं। उन्हें बताएं कि कोई भी महिला, कमजोर – अबला नहीं है। इस पहचान से उन्हें मुक्ति दिलाएं। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों के दौरान कई बार दिखावटी या लोकलुभावन बातें सामने आती हैं, लेकिन ऐसे समय में यह जरूरी है कि आप भावनात्मक नहीं, सही निर्णय लें और सही मार्ग को चुनें। कहा कि महिला नेतृत्व में संवेदनशीलता की विशेष भूमिका होती है, जो पूरे गांव को एक नई दिशा दे सकती है।

बेटियों को नियमित भेजें स्कूल, शिक्षा का संकल्प लें

कार्यक्रम में उपायुक्त ने उपस्थित महिला मुखियाओं को बेटियों के जन्म को उत्सव की तरह मनाने और परिवार को सार्वजनिक रूप से बधाई देने की बात कहीं। कहा कि पंचायत स्तर पर बेटियों के जन्म को सकारात्मक दृष्टिकोण से देखने की पहल आपसे शुरू होनी चाहिए। इससे समाज में बेटियों के प्रति सोच बदलेगी। इसका संकल्प दिलाया। महिला मुखियाओं को संकल्प दिलाया कि वे अपने-अपने पंचायत क्षेत्र में हर बेटी को स्कूल भेजने के लिए व्यक्तिगत स्तर पर प्रयास करेंगे और विद्यालय में उनकी नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करें। 


महिला नेतृत्व का सशक्तिकरण,राज्य सरकार की प्राथमिकता

इस अवसर पर जिला पंचायती राज पदाधिकारी सफीक आलम ने कहा कि राज्य सरकार महिला जनप्रतिनिधियों को सशक्त, आत्मनिर्भर और नीति निर्माण में निर्णायक बनाने हेतु प्रतिबद्ध है। मुखियाओं के लिए ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम उनके नेतृत्व कौशल को मजबूत करते हैं, जिससे वे पंचायत की योजनाओं को न केवल बेहतर समझ सकें, बल्कि पारदर्शी और प्रभावी क्रियान्वयन भी सुनिश्चित कर सकें। इसी उद्देश्य से यह प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई है। आगामी 21 जुलाई 2025 से सभी निर्वाचित महिला मुखियाओं को हजारीबाग स्थित प्रमण्डलीय प्रशिक्षण संस्थान में तीन दिवसीय बुनियादी प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। जिले की 05 मुखिया को मास्टर ट्रेनर बनाया गया है, जिन्होंने राज्य स्तर पर आयोजित प्रशिक्षण सत्र में प्रशिक्षण प्राप्त किया है।

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