06 अगस्त को बीएसएल के ज्ञानार्जन एवं विकास केंद्र में बीएसएल के सुरक्षा अभियंत्रण विभाग के तत्वावधान में टुवर्ड्स जीरो हार्म के लक्ष्य प्राप्ति की थीम पर दो दिवसीय अरिष्ट नामक राष्ट्रिय स्तर के सम्मेलन का शुभारम्भ हुआ। सम्मलेन के उदघाटन सत्र में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के महानिदेशक ललित गभाने, बोकारो स्टील प्लांट के निदेशक प्रभारी बीरेंद्र कुमार तिवारी के साथ अधिशासी निदेशक (सेल सेफ्टी आर्गेनाइजेशन) अनूप कुमार बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे. उदघाटन सत्र में बीएसएल के अधिशासी निदेशक (वित्त एवं लेखा) सुरेश रंगानी, अधिशासी निदेशक (मानव संसाधन) राजश्री बनर्जी , अधिशासी निदेशक (परियोजनाएँ एवं अतिरिक्त प्रभार संकार्य) अनीष सेनगुप्ता, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, गांधीनगर के सेंटर ऑफ़ सेफ्टी एक्सीलेंस के प्रमुख जगदीश वी, रीजनल लेबर इंस्टिट्यूट कोलकाता के निदेशक रविंद्र पी भावे, बीएसएल के मुख्य महाप्रबंधक (सुरक्षा एवं अग्निशमन सेवाएँ) बीके सरतापे सहित अन्य मुख्य महाप्रबंधक तथा वरीय अधिकारी उपस्थित थे।
इस सम्मेलन में कई कंपनियों के विशेषज्ञ हो रहे शामिल
इस सम्मलेन में सेल के विभिन्न संयंत्रों के साथ टाटा स्टील, जे एस डब्लू स्टील लिमिटेड, सीमेंस एनर्जी इंडिया, एबीबी, डीप नेट एनालिटिक्स, एम एन दस्तूर, वेसुवियस इण्डिया लिमिटेड, कोर इएचएस सहित अन्य प्रतिष्ठित संस्थाओं के प्रतिनिधि एवं विशेषज्ञ शामिल हो रहे हैं। उद्घाटन सत्र में सम्मलेन की स्मारिका का लोकार्पण भी किया गया। सम्मलेन के उदघाटन सत्र में बोकारो स्टील प्लांट के निदेशक प्रभारी बीरेंद्र कुमार तिवारी के द्वारा सभी को सुरक्षा शपथ दिलाने के उपरांत मुख्य महाप्रबंधक (सुरक्षा एवं अग्निशमन सेवाएँ) बी के सरतापे ने कार्यक्रम में सभी का स्वागत किया तथा बोकारो स्टील प्लांट के वर्चुअल रियलिटी आधारित सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम, सुरक्षा नियमों का अनुपालन, शून्य हानि जैसे प्रयासों और प्रतिबद्धता के बारे में बताया. राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के महानिदेशक ललित गभाने ने कहा कि सुरक्षा के तीन प्रमुख कारकों संगठन संस्कृति, मानवीय कारक तथा कार्यस्थल की स्थिति को अपने संगठन के कोर वैल्यूज में शामिल कर सुरक्षा नियमों का पालन सुनिश्चित करना और दूसरों को भी शिक्षित व् जागरूक करना आवश्यक है।
सुरक्षा पहलुओं में ज्ञान का आदान-प्रदान जरूरी
निदेशक-प्रभारी बीरेंद्र कुमार तिवारी ने सम्मेलन में सभी का स्वागत करते हुए कहा कि हमें इस्पात उद्योग से जुड़े सुरक्षा पहलुओं में एक दूसरे के साथ ज्ञान और अनुभव को साझा करते हुए शून्य दुर्घटना के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए लगातार इसे अपने व्यवहार में शामिल करना है। उन्होंने आगे कहा कि टुवर्ड्स जीरो हार्म के लक्ष्य प्राप्ति के लिए अन्य प्रयासों के साथ-साथ हमें अपने संगठन में सुरक्षा सांस्कृतिक परिवर्तन की दिशा में भी आगे बढ़ना आवश्यक है। अधिशासी निदेशक (परियोजनाएँ एवं अतिरिक्त प्रभार संकार्य) अनीष सेनगुप्ता ने अपने सम्बोधन में कहा कि बीएसएल द्वारा अर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, थर्मल इमेजिंग, डिजिटल सिमुलेशन, रोबोटिक संचालन और ठेकेदार सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली जैसे पहल किए जा रहे हैं। सेल सेफ्टी आर्गेनाईजेशन के अधिशासी निदेशक अनूप कुमार ने अपने सम्बोधन में कहा कि सम्मेलन की थीम "अरिष्ट" को प्राप्त करने के लिए हमें सुरक्षा संस्कृति के व्यावहारिक पहलू पर तीव्रता के साथ प्रयास करने की जरुरत है.
सुरक्षा संबधी उपायों पर हुई चर्चा
सम्मेलन के पहले दिन तकनीकी सत्रों के प्रथम सेशन में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, गांधीनगर के सेंटर ऑफ़ सेफ्टी एक्सीलेंसके प्रमुख जगदीश वी के द्वारा भारत में उन्नत अग्नि सुरक्षा के लिए वीआर/एआरआधारित प्रशिक्षण और खतरों का अनुकरण विषय पर तथा रीजनल लेबर इंस्टिट्यूट, कोलकाता के निदेशक रविंद्र पी भावे द्वारा प्रौद्योगिकी और स्मार्ट पी पी ई के बारे चर्चा की गई। दूसरे सेशन के दौरान सीमेंस लिमिटेड, टाटा स्टील, एम एन दस्तूर, डीप नेट एनालिटिक्स तथा राउरकेला स्टील प्लांट द्वारा विविध सुरक्षा सम्बंधित विषयों पर प्रस्तुतीकरण किया गया। सम्मलेन के दूसरे दिन 7 अगस्त को जे एस डब्लू स्टील, सीमेंस एनर्जी इंडिया लिमिटेड, वेसुवियस इंडिया लिमिटेड, टाटा स्टील तथा कोर ई एच एस द्वारा इस्पात उद्योग के सुरक्षा सम्बंधित पहलुओं पर गहन चर्चा की जाएगी। कार्यक्रम के उदघाटन सत्र का संचालन प्रबंधक (सामग्री प्रबंधन) तनुप्रिया तथा धन्यवाद ज्ञापन महाप्रबंधक (सुरक्षा) विकास गुप्ता द्वारा किया गया