राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, गृह मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली द्वारा (Mitigation Project for Lightning Safety) मिटीगेशन प्रोजेक्ट फॉर लाइटिंग सेफ्टी (MPLS) योजना अंतर्गत झारखंड के बोकारो जिला अंतर्गत गोमिया, कसमार, चास एवं चंदनकियारी के कुछ पंचायतों में " वज्रपात से बचाव " विषय पर जागरूकता रथ को उपायुक्त अजय नाथ झा ने समाहरणालय परिसर से झंडी दिखाकर रवाना किया। उक्त LED Van एवं जागरूकता टीम द्वारा जिले के चार प्रखंडों के साथ सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र में किया जा रहा है, जो विद्यालय, ग्रामीण हाट/बाजार, स्वास्थ्य केंद्र, प्रमुख चौक-चौराहे, पंचायत कार्यालय आदि कुल 56 स्थानों पर निर्धारित है। मौके पर अपर समाहर्ता मो मुमताज अंसारी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी रवि कुमार, जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी शक्ति कुमार उपस्थित थे। वज्रपात सुरक्षा रथ में लगे एलईडी स्क्रीन पर वीडियो के जरिए ग्रामीणों को वज्रपात से बचाव के लिए सतर्कता का संदेश देगा। यह जागरूकता भान आज यानी 18 अगस्त से आगामी 03 सितंबर, 2025 तक लोगों को जागरूक किया जाएगा है। वज्रपात जिले की सबसे प्रमुख आपदाओं में से एक है, जिससे जान माल की व्यापक क्षति होती है। जिला प्रशासन त्वरित रूप से कार्रवाई करते हुए प्रभावित व्यक्तियों के आश्रितों को सरकार द्वारा निर्धारित अनुदान की राशि चार लाख रुपये उपलब्ध कराती है।
जिले के 56 स्थानों पर पंचायतों में वज्रपात जागरूकता रथ घूमेगा
उपायुक्त झा ने कहा कि आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने जिला के लोगों को वज्रपात से बचाने के लिए जन जागरूकता मुहिम चलाने का फैसला लिया है। इसी निर्णय के अंतर्गत जिले के सभी चार प्रखंडों के विद्यालय, ग्रामीण हाट/बाजार, स्वास्थ्य केंद्र, प्रमुख चौक-चौराहे, पंचायत कार्यालय आदि कुल 56 स्थानों पर पंचायतों में वज्रपात जागरूकता रथ घूमेगा और वहां के ग्रामीणों तथा वहां रह रहे निवासियों को आकाशीय बिजली से बचाव के उपायों को एलईडी स्क्रीन के माध्यम से बताया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि हर साल तड़ित से कई लोग असमय समय चले जाते हैं। लोगों के असामयिक निधन से परिवार के साथ राज्य को अपूरणीय क्षति होती है। प्राकृतिक आपदा रूपी विद्युतपात की आशंका जिन क्षेत्रों में ज्यादा महसूस की जाती है, वहां प्राथमिकता के तौर पर इस रथ को घुमाया जाएगा और जागरूकता फैलाई जाएगी।
कपड़ा सुखाने के लिए तार की जगह जूट या सूत की रस्सी करें प्रयोग
उपायुक्त अजय नाथ झा ने संदेश देते हुए कहा कि तड़ित की संभावना को देखते हुए इससे बचाव के लिए जब घर के भीतर रहें तब बिजली संचालित उपकरण से खुद को दूर रखें। तार वाले टेलीफोन के उपयोग से बचें। कपड़ा सुखाने के लिए तार की जगह जूट या सूत की रस्सी का प्रयोग करें। घर के बाहर हों तो वृक्ष के नीचे पनाह न लें। ऊंचे इमारत वाले क्षेत्रों में भी जाने से बचें। उपायुक्त ने जागरूकता रथ से दी जा रही जानकारी को गंभीरता से लिए जाने का आग्रह करते हुए कहा कि खुद सतर्क रहें और दूसरों को भी सजग और सचेत रहने के लिए प्रेरित करें।
दामिनी ऐप का करें प्रयोग
आकाश से गिरने वाली बिजली हर साल सैकड़ों लोगों की जान लेती है। पर, अगर कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो खुले आसमान के नीचे रहकर भी आसमान से गिरने वाली बिजली से अपनी जान बचाई जा सकती है। इसके लिए संभावित मौत को रोकने के लिए दामिनी ऐप विकसित किया गया है। इस ऐप को मौसम विभाग की तरफ से तैयार किया गया। यह ऐप हमें करीब 20 किलोमीटर की रेंज में बिजली गिरने की जानकारी प्रदान करता है। बिजली गिरना रोका तो नहीं जा सकता है, लेकिन इससे बचाव किया जा सकता है।