जिला प्रशासन एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार द्वारा दशहरा/दुर्गा पूजा, दशहरा मेला एवं रावण वध के अवसर पर आमजन की सुरक्षा एवं भीड़ प्रबंधन के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। प्रशासन ने अपील की है कि सभी नागरिक, पूजा समितियां एवं स्वयंसेवी संगठन इन निर्देशों का अक्षरशः पालन करेंगे ताकि किसी प्रकार की दुर्घटना अथवा आपदा से बचा जा सके। उपायुक्त-सह-अध्यक्ष, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार, बोकारो अजय नाथ झा ने कहा कि यह त्योहार हमारी आस्था एवं संस्कृति का प्रतीक है। सभी नागरिकों से अपील है कि वह जिला प्रशासन - जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार के निर्देशों का पालन कर सुरक्षित एवं शांतिपूर्ण वातावरण में त्योहार का आनंद उठाएं।
दुर्गापूजा समितियों यह जारी किया गया दिशा निर्देश
पंडाल में प्रवेश एवं निकास द्वार के अलग-अलग रास्ते रखें। प्रवेश एवं निकास द्वार पर पर्याप्त संख्या में वालंटियर की व्यस्था करें। मुख्य प्रवेश द्वार एवं निकास द्वार कम से कम 05 मीटर चौड़ा रखें। प्रवेश कतार लगाकर करायें तथा पुरुष एवं महिला के लिए अलग-अलग कतार की व्यवस्था करें। निकास के रास्ते को जगह जगह पर तीर निशान के संकेत से प्रदर्शित करें इससे आम जनता को किसी इमर्जेंसी के समय सुरक्षित निकास में मदद मिले।भगदड़ से बचाव के लिए भीड़ प्रबंधन की योजना पहले से बना कर रखें एवं उसे प्रतिनियुक्त पुलिस कर्मियों के साथ साझा करे। पंडाल में बिजली की वायरिंग किसी योग्य एवं प्रशिक्षित ईलेक्ट्रिशियन से करायें एवं हमेशा आइ.एस.आइ. मार्क के कॉपर तार का ही प्रयोग करें। नंगे तारों पर अच्छी प्रकार से टेप लगा कर रखें एवं उसे पहुंच से दूर रखें। कुर्सी पर बैठने के लिए बनाये गये दो पंक्तियों के बीच कम से कम 2.5 फीट का अन्तर रखें और सीट के दोनों ओर से कम 2.5 मीटर का स्थान खाली रखें। पंडाल में ज्वलनशील पदार्थ को एकत्र करके नहीं रखें। रसोई पंडाल से कम से कम 20 मीटर दूर रखें। पंडाल के आसपास एवं आग संभावित क्षेत्र के आसपास पर्याप्त संख्या में अग्निशमन यंत्र, पानी एवं बालू की व्यवस्था रखे।
रात्रि 10:00 बजे के बाद ध्वनि विस्तारक यंत्र का प्रयोग नहीं करें
दुर्गापूजा समिति पूजा शुरू होने से पूर्व अपने निकटतम फायर स्टेशन से आग से बचाव का अनापत्ति प्रमाण पत्र आवश्य प्राप्त करें। दुर्गापूजा समिति कर्मचारी एवं वालेंटियर आग से बचाव एवं फायर एक्सटिग्यूजर का प्रयोग किस प्रकार करना है, इसकी जानकारी अवश्य रखें। पंडाल में प्रशिक्षित स्टाफ की देखरेख में प्राथमिक उपचार की व्यवस्था रखें। प्रत्येक पंडाल में प्राथमिक चिकित्सा किट होना अनिवार्य है। जिसमें निम्नलिखित सामाग्री जैसे पैरासिटामोल टेबलेट, डिसायक्लोमीन, ब्रुफेन, बैंडेज, गौज, बीटाडीन कॉटन रौल, टेटमैक, स्प्रीट इत्यादि रखें।प्रत्येक पंडाल में पार्किंग की समुचित व्यवस्था रखें। किसी भी आपातकाल से बचने एवं सुरक्षित निकासी के लिए वैकल्पिक मार्ग पहले से चिन्हित कर रखें। कार्यक्रम के दौरान लाउड स्पीकर द्वारा लोगों को सुरक्षा से संबंधित जानकारी एवं चेतावनी देते रहे और इमरजेंसी नम्बरों को जगह-जगह प्रदर्शित करें। पूजा के दौरान सुरक्षा के लिए पंडालों में प्रर्याप्त संख्या में सी.सी.टी.वी. कैमरा जरूर लगा कर रखें। अग्निशमन एवं एम्बुलेंस के लिए आने जाने के लिए पर्याप्त रास्ता खुला रखें। पंडाल सड़क के किनारे नहीं बनाये, ध्यान रखें कि पंडाल से यातायात प्रभावित नहीं हो। मूर्ति विसर्जन के दौरान नदियों/तालाबों आदि के अंदर जाने में सावधानी बरती जाए। मूर्ति विसर्जन के लिए यदि नाव का प्रयोग कर रहे है तो नावों में निर्धारित/लदान क्षमता से ज्यादा लोगों को नहीं बैठने दिया जाय।
आम नागरिकों के लिए दिशा-निर्देश
पूजा पंडालों/मेले में चलते-फिरते रहें, अनावश्यक रूप से एक स्थल पर भीड़ न लगाएं। यदि आप छोटे बच्चों, महिलाओं, बीमारों या वृद्धों को मेले में लेकर जा रहे है तो उनके जेब में (या गले में लॉकेट की तरह) घर का पता और फोन नं० अवश्य रख दें। यदि आप परिवार या समूह के साथ हैं तो किसी आपात स्थिति में मेला क्षेत्र के बाहर मिलने का एक स्थान सुनिश्चित कर लें। एक दूसरें का फोन नं० साथ रखें। भगदड़ के समय संयम पूर्ण व्यवहार करें और घबराएं नहीं। किसी भी आपात स्थिति में तत्काल नियंत्रण कक्ष में संपर्क करें।अपने बहुमूल्य सामानों की रक्षा स्वयं करें। बिजली के तारों और उपकरणों से दूर रहें। प्रशासन की ओर से की जाने वाली घोषणाओं को ध्यान से सुनें और उसके अनुसार व्यवहार करें। किसी प्रकार की अफवाह नहीं फैलाएं और ना ही उन पर ध्यान दें। मेले में साथ लाये बच्चों को अकेला नहीं छोड़ें और नहीं उन्हें इधर-उधर जाने दें। दुर्गा पूजा के मूर्ति विसर्जन में तैराकी नहीं जानने वाले पानी के भीतर नहीं जाएं। मेले में किसी भी प्रकार के पटाखे/ज्वलनशील पदार्थ नहीं ले जाएं तथा धूम्रपान नहीं करे। मेले में किसी भी प्रकार की अराजकत्ता नहीं फैलाएं।