इस साल 22 सितंबर से शारदीय नवरात्र शुरू हो रही है. इस बार माता दुर्गा का आगमन हाथी पर होगा। जबकि माता का गमन मनुष्य के कंधे पर होगा। ज्योतिषाचार्य पंडित मार्कण्डेय दुबे ने कहा कि माता का हाथी पर होने से बहुत शुभ होगा। माता का आगमन हाथी पर होने से देश और दुनिया के लिए भी काफी शुभ होगा। हाथी पर माता का आगमन सुख और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है.
पूजा को लेकर तैयारियां शुरू
माता का आगमन हाथी पर होने से धनवर्षा का शुभ संकेत माना जा रहा है. प्रतिपदा की तिथि 22 सितंबर की रात 1.23 बजे से शुरू होकर 23 सितंबर की रात 2.55 बजे समाप्त होगी। कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6.09 बजे से 8.06 बजे है. इसके अलावा अभिजीत मुहूर्त 11.49 बजे से 12.38 बजे रहेगा। इस बार नवरात्र 9 दिनों की जगह 10 दिनों की होगी। दो अक्टूबर को विजयादशमी मनाया जाएगा। पूजा को लेकर सभी जगहों पर तैयारियां शुरू हो गई है. जिन-जिन जगहों पर माता की पूजा-अर्चना की जाती हैं, उन जगहों पर पंडाल निर्माण का काम तेजी से किया जा रहा है.
बंग भारती में दिखेगा केदारनाथ मंदिर के स्वरूप का पंडाल
दुर्गापूजा के अवसर पर बोकारो के सबसे पुराना पूजा स्थल बंग भारती में इस साल 57 वर्ष पूरा होने जा रहा है,इस साल केदारनाथ मंदिर का भव्य प्रारूप दिखाई पड़ेगा। पूजा पंडाल अपनी भव्य स्वरूप के साथ ही साथ पंडाल का आकर्षित स्वरूप मूर्ति और लाइटिंग की सजावट काफ़ी आकर्षक होगी। इस बार पूजा कमिटी में अध्यक्ष संग्राम सिंह, महासचिव पुलक कुमार घोष, कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध वैष्णव, उपाध्याय जयंत कुमार मल्लिक तथा कोर कमिटी में सजल सरकार, दीपेंदु पॉल, संजय भौमिक आदि शामिल हैं। 28 सितंबर को माता का पट खुलेगा। पंडाल का उद्घाटन डीआई के द्वारा किया जाएगा।