प्रतिभाशाली दिव्यांग बच्चों को डीसी ने किया सम्मानित


बोकारो के सेक्टर-05 स्थित आशा लता केंद्र में शुक्रवार को आयोजित प्रतिभा सम्मान कार्यक्रम में उपायुक्त अजय नाथ झा ने दिव्यांग बच्चों के साथ घंटों समय बिताया और उनके उत्साह एवं प्रतिभा की सराहना की। कार्यक्रम का वातावरण भावनाओं और अपनत्व से परिपूर्ण था। बच्चों के चेहरों की चमक, उनकी निःस्वार्थ मुस्कान और जीवन के प्रति अटूट लालसा ने सभी उपस्थित लोगों को भावविभोर कर दिया। इस अवसर पर सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा पियूष, सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी अविनाश कुमार सिंह आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में उपायुक्त ने कहा कि इन बच्चों के चेहरों पर जो मुस्कुराहट है, वह किसी दया की नहीं, बल्कि उनके साहस, आत्मविश्वास और संकल्प की कहानी कहती है।

ईश्वर ने हर व्यक्ति को किसी न किसी विशेषता से नवाजा है


ईश्वर ने हर व्यक्ति को किसी न किसी विशेषता से नवाजा है, बस हमें उसे पहचानना और सम्मान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि समाज को अपनी सोच बदलनी होगी। दिव्यांगों के प्रति दया नहीं, बल्कि अधिकार और सम्मान की भावना रखनी होगी। कहा कि हम जब इन्हें दया के दृष्टिकोण से देखते हैं, तब हम इनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाते हैं। ये हमारे समाज का उतना ही सशक्त हिस्सा हैं जितने हम सभी है। आशा लता केंद्र में अध्ययनरत बच्चों, जिन्होंने माध्यमिक (मैट्रिक) और उच्च माध्यमिक (इंटर) परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को उपायुक्त द्वारा मेडल और उपहार देकर सम्मानित किया गया। उन्होंने छात्रों से कहा कि आपकी यह सफलता यह प्रमाण है कि परिस्थितियां कभी बाधा नहीं बनतीं, यदि मन में दृढ़ संकल्प हो। उपायुक्त ने उपस्थित अभिभावकों और शिक्षकों का विशेष रूप से आभार व्यक्त किया जिन्होंने इन बच्चों को आगे बढ़ाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 

सेवा ही सर्वोच्च मूल्य है, इसे सर्वोपरि रखें 


उपायुक्त ने कहा कि हर अधिकारी - संस्था - नागरिक को अपने जीवन में सेवा मूल्य को सर्वोपरि रखना चाहिए। यदि जीवन में हमें अवसर मिला है, तो उसका सर्वोत्तम उपयोग दूसरों की भलाई में होना चाहिए। सेवा - करुणा और संवेदना ही वह आधार हैं जिनसे पूरा समाज आगे बढ़ता है। ईश्वर ने हमें ऊंचाइयां दी हैं ताकि हम श्रेष्ठ बनें और समाज में सर्वोत्म कार्य करें। उन्होंने जिला प्रशासन की ओर से आशा लता केंद्र को हर संभव सहयोग देने का भरोसा दिलाया। कहा कि संचालित स्कूल की मान्यता दिलाने – दिव्यांगों के लिए कालेज स्थापना को लेकर वह बीएसएल प्रबंधन – शिक्षा निदेशालय आदि के समक्ष बात रखेंगे और इस दिशा में हर संभाव सकारात्मक पहल उठाएंगें।  जिला प्रशासन की प्राथमिकता मानवता से जुड़ी योजनाओं को और सशक्त बनाना है।

पूरे बोकारो की ओर से जोहार 

उपायुक्त ने आशा लता केंद्र की निदेशक, शिक्षकों, प्रशिक्षकों और कर्मचारियों को पूरे बोकारो जिले की ओर से “प्रमाण-जोहार” अर्पित किया। उन्होंने कहा कि आप सभी का समर्पण और सेवा भाव हमारे समाज के लिए प्रेरणा है। जिस निष्ठा से आप इन बच्चों को शिक्षित और सशक्त बना रहे हैं, वह कार्य केवल सेवा नहीं, बल्कि ईश्वर साधना है। इससे पूर्व, केंद्र के निदेशक द्वारा केंद्र के संचालित विभिन्न कक्षाओं का भ्रमण कराया। इस दौरान उपायुक्त ने बच्चों से बातचीत की, उनकी कला और रचनात्मक प्रतिभा को देखा और सराहा। उन्होंने बच्चों के बीच चॉकलेट वितरित किया। इस दौरान केंद्र में ऐसा माहौल बना मानो पूरा परिसर उल्लास से भर गया हो। उधर, बच्चें अपने बीच उपायुक्त को पाकर काफी खुश थे। बच्चों के चेहरे पर खुशी की झलक साफ दिख रही थी। 

छूटे हुए बच्चों का पेंशन 48 घंटे में होगा स्वीकृत 

उपायुक्त ने छुटे हुए दिव्यांग बच्चों का दिव्यांग का प्रमाण पत्र बनाने एवं 48 घंटे में दिव्यांग पेंशन स्वीकृत करने का संबंधित पदाधिकारी को निर्देश दिया। मौके पर केंद्र के निदेशक भवानी शंकर जयसवाल, सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा पियूष, सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी अविनाश कुमार सिंह, अधिशासी निदेशक जी के उपाध्याय, वरीय प्रशासनिक अधिकारी मोहन आजाद, प्राचार्य प्रमोद कुमार दूबे, प्रबंधक सच्चिदानंद सिंह, शिक्षिका/शिक्षक - चैताली प्रसाद, आभा सिंह, गीता सिंह, हरिद्वार राय, संजय ठाकुर, शिव कुमारी, विद्यासागर मिश्रा, रीना सिंह, सुनिल सिन्हा, कृष्णा दूबे, मंजू कुमारी, सागर, फिजियोथेरापिस्ट डा. श्वेता स्नेहा आदि उपस्थित थे। 


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