गोपनीय स्थित कार्यालय कक्ष में उपायुक्त अजय नाथ झा ने जिला पर्यटन पदाधिकारी, पीएमयू टीम आदि के साथ बैठक कर जरूरी दिशा-निर्देश दिया। गोमिया प्रखंड के ललपनिया में लुगुबुरू घंटाबाड़ी धोरोमगढ़ महोत्सव को इस वर्ष और अधिक भव्यता एवं पारंपरिक गौरव के साथ मनाने की तैयारी शुरू हो गई है। उपायुक्त अजय नाथ झा ने संबंधित विभागों के साथ बैठक कर महोत्सव की रूपरेखा, प्रबंधन एवं आयोजन संबंधी दिशा–निर्देश दिए।उपायुक्त ने कहा कि लुगुबुरू घंटाबाड़ी धोरोमगढ़ महोत्सव न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यह क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान भी है। इसलिए इसके आयोजन में पारंपरिकता और आधुनिक प्रबंधन का समन्वय जरूरी है।
09 अक्टूबर को ललपनिया में होगी विस्तृत बैठक
महोत्सव की तैयारियों को अंतिम रूप देने हेतु आगामी 09 अक्टूबर को ललपनिया में एक विस्तृत बैठक आयोजित की जाएगी। इस बैठक में विभिन्न विभागों, पूजा आयोजन समिति एवं सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। महोत्सव के कार्यक्रम निर्धारण, सुरक्षा व्यवस्था, आवागमन, प्रचार-प्रसार एवं आतिथ्य से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी। यह दो दिवसीय (04 – 05 नवंबर 2025) महोत्सव का आयोजन गुरूजी शिबू सोरेन की पावन स्मृति को समर्पित होगा। महोत्सव के दौरान विविध कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित की जाएगी, जिनमें आदिवासी ग्रामीण खेल प्रतियोगिता, प्रदर्शनी एवं स्टाल (स्थानीय उत्पादों), संथाल आदिवासी इतिहास की झलकियां, लाइव पेंटिंग कॉर्नर, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं साहित्यिक संगोष्ठी आदि शामिल हैं।
पारंपरिक विधि से होगा उद्घाटन और समापन
उपायुक्त ने कहा कि इन गतिविधियों के माध्यम से आदिवासी संस्कृति, कला एवं परंपराओं के संरक्षण और प्रसार को प्रोत्साहन मिलेगा। महोत्सव का उद्घाटन और समापन पूर्णतः पारंपरिक आदिवासी विधि से किया जाएगा। इस दौरान आदिवासी नृत्य, संगीत, पूजा-पाठ, ढ़ोल - नगाड़ा और सामाजिक एकता के प्रतीकात्मक अनुष्ठान आयोजित होंगे। साथ ही, श्रद्धालुओं एवं विशिष्ट अतिथियों के स्वागत हेतु विशेष स्मृति चिह्न (मोमेंटो) डिजाइन करने को लेकर भी पीएमयू टीम को निर्देशित किया। उपायुक्त की अध्यक्षता में उप विकास आयुक्त शताब्दी मजूमदार, जिला पर्यटन पदाधिकारी हेमलता बुन, एपीआरओ अविनाश कुमार सिंह, पीएमयू टीम एवं संबंधित अधिकारियों की बैठक गोपनीय स्थित कार्यालय कक्ष में सोमवार को हुई। बैठक में महोत्सव की तैयारी के सभी प्रमुख बिंदुओं पर विस्तृत विचार-विमर्श हुआ।