मध्य विद्यालय रेलवे की स्थापना वर्ष 1974 में रेलवे की ओर से की गई थी. इस विद्यालय के भवन का निर्माण रेलवे की ओर से किया गया था . इसमें रेलवे की ओर से बिजली का कनेक्शन भी दिया गया था, जिसे 2018 में काट दिया गया. उस समय से इस स्कूल में बिजली नहीं है. जिसकी जानकारी शिक्षा विभाग को हर साल दी जाती है. इसके बावजूद यहां बिजली की सुविधा बहाल करने की दिशा में विभाग की ओर से कोई ठोस पहल नहीं की गई. स्कूल में फ़िलहाल दो प्रोजेक्टर व प्रिंटर लगाए गए हैं. साथ ही आईसीटी लैब भी बनाया गया है. जिसमें 5 कंप्यूटर लगाए गए हैं. इसके अलावे दो 65-65 इंच के दो एलईडी लगाए गए हैं, ताकि बच्चे डिजिटली पढ़ाई कर सकें, लेकिन स्कूल में बिजली नहीं रहने से बच्चे ना तो कंप्यूटर की शिक्षा ग्रहण कर पा रहे हैं और ना ही एलईडी से इनकी पढ़ाई हो रही है. बिजली नहीं रहने से गर्मी के दिनों में बच्चों को परेशानी होती है. वहीं बरसात के मौसम में जब आसमान में बादल छा जाते हैं, उस दौरान स्कूल के कमरों में अंधेरा पसर जाता है. जिससे पढ़ाई बाधित होती है.
रेलवे से बिजली के लिए कई बार पत्राचार किया गया
स्कूल के प्रधानाध्यापक उदय नन्द साह ने बताया कि 2018 से इस स्कूल की बिजली काट दी गई. उस समय से स्कूल में बिजली नहीं है. कई बार रेलवे से बिजली बहाल करने के लिए आवेदन दिया गया, लेकिन अब तक उस पर कोई पहल नहीं हो रही है. शिक्षा विभाग को इसकी जानकारी कई बार दी गई. बिजली नहीं रहने की वजह से बच्चे कंप्यूटर से पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं. एलईडी से भी बच्चों की पढाई बाधित है. उन्होंने कहा कि जब भी चुनाव का समय आता है उस समय अस्थायी रूप से बिजली की व्यवस्था की जाती है. उसके बाद बिजली काट दी जाती है. रेलवे से एनओसी नहीं मिलने की वजह से झारखंड सरकार की ओर से बिजली का कनेक्शन नहीं दिया जा रहा है. इस संदर्भ में जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला शिक्षा अधीक्षक से पूछा गया, लेकिन दोनों की ओर से कोई बयान नहीं दिया गया.
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