ओडिशा-आंध्र तट पर चक्रवाती दबाव, झारखंड में 29 तक तेज हवा व बारिश की संभावना


23 सितंबर का निम्न दबाव क्षेत्र उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और उससे सटे गंगीय पश्चिम बंगाल–उत्तर ओडिशा के तटीय क्षेत्रों पर स्थित था। यह, 24 सितम्बर 2025 को उत्तर ओडिशा और इससे सटे उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी एवं गंगीय पश्चिम बंगाल के क्षेत्रों पर बना रहा। यह अगले 12 घंटों के दौरान इसी क्षेत्र पर बने रहने की संभावना है।मध्य म्यांमार के तटीय क्षेत्रों और इससे सटी पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी पर मध्य क्षोभ मंडलीय स्तर तक एक ऊपरी वायु चक्रवात बन गया। इसके धीरे-धीरे पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है। इसके प्रभाव से 25 सितम्बर को उत्तर बंगाल की खाड़ी और इससे सटे मध्य बंगाल की खाड़ी पर एक निम्न दबाव क्षेत्र बनने की संभावना है। 

साइक्लोनिक सर्कुलेशन तेज हवा के साथ होगी बारिश 

इसके लगभग पश्चिम की ओर बढ़ते हुए 26 सितम्बर को उत्तर-पश्चिम और इससे सटी पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी (दक्षिण ओडिशा–उत्तर आंध्र प्रदेश तट के समीप) पर यह एक गहन दवाब में सघन होने की अत्यधिक संभावना है। इसे लगभग 27 सितम्बर को दक्षिण ओडिशा–उत्तर आंध्र प्रदेश तटों को पार करने की संभावना है। मौसम विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार इस साइक्लोनिक सर्कुलेशन से पूरे झारखंड में 29 सितंबर तक तेज हवा के साथ बारिश होने की प्रबल संभावना है. 

24 से 29 तक रहेगा साइक्लोन का प्रभाव 

24 सितम्बर को उत्तर एवं मध्य बंगाल की खाड़ी, ओडिशा–पश्चिम बंगाल–बांग्लादेश–म्यांमार तटों और उत्तर अंडमान सागर पर 35–45 किमी प्रति घंटे  की गति से चलने वाली हवाएँ (झोंकों में 55 किमी/घं तक) के साथ छिटपुट तेज़ हवाएं तथा मध्यम से ऊबड़-खाबड़ समुद्री स्थिति रहने की संभावना है। 25 सितम्बर को उत्तर एवं मध्य बंगाल की खाड़ी, आंध्र प्रदेश–ओडिशा–पश्चिम बंगाल–बांग्लादेश–म्यांमार तटों पर 40–50 किमी/घं की गति से चलने वाली हवाएँ चलने की संभावना है. 26–27 सितम्बर को उत्तर एवं मध्य बंगाल की खाड़ी तथा आंध्र प्रदेश–ओडिशा–पश्चिम बंगाल तटों पर 45–55 किमी/घं की गति से चलने वाली हवाएँ (झोंकों में 65 किमी/घं तक) तथा ऊबड़-खाबड़ से बहुत ऊबड़-खाबड़ समुद्री स्थिति रहने की संभावना है।

मछुआरों को बाहर निकलने की दी गई सलाह 

मछुआरों को 24 सितम्बर को उत्तर एवं मध्य बंगाल की खाड़ी, ओडिशा–पश्चिम बंगाल–बांग्लादेश–म्यांमार तटों और उत्तर अंडमान सागर में न जाने की सलाह दी जाती है। मछुआरों को 25–27 सितम्बर को उत्तर एवं मध्य बंगाल की खाड़ी तथा आंध्र प्रदेश–ओडिशा–पश्चिम बंगाल–बांग्लादेश–म्यांमार तटों में न जाने की सलाह दी जाती है। आंध्र प्रदेश तट से समुद्र में गए मछुआरों को 24 सितम्बर तक तट पर लौट आने की सलाह दी जाती है।

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