आनन्द मार्ग प्रचारक संघ की ओर से एक पत्रकार सम्मेलन प्रभात कॉलोनी आनंद मार्ग जागृति चास में आयोजित किया गया. इस अवसर पर आनन्द मार्ग के आचार्य रमेन्द्रानन्द अवधूत एवं आचार्य अवनिन्द्रानन्द अवधूत ने कहा कि आनंदनगर श्री श्री आनंदमूर्ति जी (आनंद मार्ग के संस्थापक )का भावी विश्व समाज की परिकल्पना का केन्द्र बिंदु है। यहां प्रतिवर्ष शीतकाल में वर्ष के अंत और नए वर्ष की शुरुआती तिथि को देश विदेश में फैले आनन्द मार्ग के अनुयायी धर्ममहाचक्र व धर्म महासम्मेलन में नियमित आते रहे हैं. 30 व 31 दिसंबर तथा 1 जनवरी ( नए वर्ष ) की तिथि इस पावन उत्सव के लिए आनंद मार्ग के संस्थापक गुरु श्री श्री आनंदमूर्ति जी के द्वारा निर्धारित किया गया था. जो परवर्ती काल (उनके शरीर त्याग के बाद) में भी नियमित रूप से आनंदमार्गीयो का इस पावन भूमि पर आने का कारण बना रहा. विगत कुछ वर्षों से स्थानीय पुरूलिया जिला प्रशासन के पक्षपात पूर्ण रवैया से उक्त तिथि पर धर्ममहासम्मेलन आयोजित नहीं हो पा रहा है. प्रत्येक वर्ष मार्गी अनुयायी यहां आते तो जरूर हैं, किन्तु उन्हें निराश होना पड़ता है.
सुंदर समाज की रचना धर्म महासम्मेलन का मुख्य उद्देश्य
इस बार पुनः 30 एवं 31 दिसंबर तक धर्म महासम्मेलन के आयोजन का आदेश थोपा गया है लेकिन हमारे अनुष्ठानिक कार्यक्रम की निर्धारित तिथियां 30, 31दिसम्बर एवं 1 जनवरी में आनन्द मार्ग प्रचारक संघ को 30 ,31 दिसंबर मिला है, इसलिए संघ के निर्णय के अनुसार सिर्फ 30 ,31 दिसंबर को विश्व स्तरीय धर्म महासम्मेलन का आयोजन किया गया है। धर्म महासम्मेलन के आयोजन के मुख्य उद्देश्य की जानकारी देते हुए आचार्य ने कहा कि-- धर्म का प्रचार ,संस्था का प्रसार ,शांति व समर्पण का पैगाम, ज्ञान कर्म भक्ति का संगम , दुनिया के नैतिकवादियों को एक मंच पर लाना ,साहस और समर्थ को बढ़ाना एवं संघर्ष और संग्राम के माध्यम से सामंजस्यपूर्ण सामाजिक आर्थिक व्यवस्था के द्वारा सुन्दर समाज की रचना की तैयारी ही धर्म महासम्मेलन के आयोजन का मुख्य उद्देश्य है।
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