एक फरवरी को माघी पूर्णिमा पर होगा भव्य गरगा महोत्सव का आयोजन


आगामी 01 फरवरी माघी पूर्णिमा के अवसर पर गरगा महोत्सव का भव्य आयोजन किया जाए, जिसमें अधिक से अधिक बोकारोवासी हिस्सा लें। गरगा नदी केवल एक जल स्रोत नहीं बल्कि क्षेत्र की आस्था, संस्कृति और जीवनरेखा है, जिसके संरक्षण के लिए समाज के हर वर्ग की सहभागिता आवश्यक है। उक्त बातें उपायुक्त  अजयनाथ झा ने कहीं। वह मंगलवार को समाहरणालय स्थित कार्यालय कक्ष में नमामि गंगे कार्यक्रम अंतर्गत जिला गंगा समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में जिले के गरगा नदी, इजरी, गवई और बोकारो नदी आदि की स्वच्छता, संरक्षण एवं जनभागीदारी को लेकर विस्तृत चर्चा की गई।

पूजा सामग्री के निस्तारण के लिए बने ठोस कार्ययोजना

उपायुक्त ने निर्देश दिया कि घरों एवं मंदिरों से निकलने वाले निर्माल (पूजा सामग्री) के निस्तारण हेतु एक कार्य योजना तैयार की जाए। इस दिशा में बीएसएल प्रबंधन, नगर निगम चास, नगर परिषद फुसरो को पहल करने को कहा। उन्होंने कहा कि पूजा सामग्री का नदी या जल स्रोतों में प्रवाह पर्यावरण के लिए हानिकारक है, अतः इसके लिए अलग-अलग संग्रहण एवं निस्तारण व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि धार्मिक आस्था के साथ-साथ पर्यावरण संतुलन भी बना रहे। उपायुक्त ने मंदिरों - घरों पूजा में इस्तेमाल होने वाले फुलों से अगरबत्ती बनाने के लिए छोटी इकाईयां स्थापित करने की भी बात कहीं। बैठक में उपायुक्त ने निर्देश दिया कि जिले के पर्यटन स्थलों पर अतिरिक्त कूड़ेदान (बास्केट) की व्यवस्था की जाए। साथ ही नदियों एवं जल स्रोतों को स्वच्छ रखने के उद्देश्य से व्यापक जन-जागरूकता अभियान चलाने पर बल दिया गया। उन्होंने कहा कि स्वच्छता केवल प्रशासन की नहीं, बल्कि सामूहिक जिम्मेदारी है।

जल स्रोतों से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई तेज करें

उपायुक्त ने सभी अंचल अधिकारियों को निर्देश दिया कि जल स्रोतों से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शीघ्र प्रारंभ करें। उन्होंने स्पष्ट कहा कि इस संबंध में की गई कार्रवाई की विस्तृत रिपोर्ट 15 जनवरी तक अनिवार्य रूप से भेजी जाए। उन्होंने कहा कि जल स्रोतों का संरक्षण भविष्य की पीढ़ियों के लिए अत्यंत आवश्यक है और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार्य नहीं होगी। राज्य स्तर से भी इसकी निगरानी की जा रही है। बैठक में चास नगर निगम, बीएसएल प्रबंधन एवं फुसरों नगर परिषद को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के निर्माण - संचालन से संबंधित आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। वहीं, चास निगम क्षेत्र में डिसेल्टिंग चेंबर निर्माण को लेकर भी चर्चा हुई। जिस पर अपर नगर आयुक्त ने बताया कि योजना की प्रशासनिक स्वीकृति हो गई है। 15 दिनों में कार्य शुरू हो जाएगा। कहा कि बिना उपचारित अपशिष्ट जल का नदियों में प्रवाह रोका जाना अत्यंत आवश्यक है, ताकि नदियों की स्वच्छता और अविरलता बनी रहे। 

गरगा महोत्सव में भाग लेकर नदी संरक्षण का संकल्प लें 

बैठक के समापन पर उपायुक्त अजय नाथ झा ने कहा कि नमामि गंगे अभियान केवल सरकारी योजना नहीं, बल्कि जन आंदोलन है। जिले में प्रवाहित नदियों के संरक्षण और पुनर्जीवन के लिए प्रशासन के साथ-साथ आम नागरिकों, सामाजिक संगठनों और युवाओं की सक्रिय भागीदारी जरूरी है। बैठक में उप विकास आयुक्त शताब्दी मजूमदार, वन पदाधिकारी संदीप शिंदें, अपर नगर आयुक्त संजीव कुमार, नोडल पदाधिकारी शक्ति कुमार, कार्यपालक अभियंता पेयजल राम प्रवेश राम, बीएसएल प्रबंधन से लंबोदर उपाध्याय, सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी अविनाश कुमार सिंह, परियोजना पदाधिकारी प्रीतम कुमार आदि उपस्थित थे। 


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