झारखंड ने पहली बार सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी का खिताब जीतकर क्रिकेट इतिहास में स्वर्णिम अध्याय जोड़ दिया। फाइनल मुकाबले में हरियाणा को 69 रनों से हराते हुए झारखंड ने 262 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया, जो इस टूर्नामेंट का विश्व रिकॉर्ड भी बना। कप्तान ईशान किशन के नेतृत्व में टीम ने हर मोर्चे पर दमदार प्रदर्शन किया। इस ऐतिहासिक जीत में बोकारो का योगदान खास तौर पर चमका। चीरा चास निवासी सतीश शर्मा के पुत्र बालकृष्ण शर्मा ने फाइनल मुकाबले में शानदार गेंदबाजी करते हुए तीन महत्वपूर्ण विकेट झटके और हरियाणा की पारी की कमर तोड़ दी।
तीन महत्वपूर्ण विकेट लेकर हरियाणा टीम को दिखाया बाहर का रास्ता
निर्णायक क्षणों में उनका प्रदर्शन झारखंड की जीत की मजबूत नींव रखने का काम किया। झारखंड की इस ऐतिहासिक उपलब्धि के साथ ही बोकारो ने एक बार फिर साबित कर दिया कि यहां की मिट्टी राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी गढ़ने की क्षमता रखती है। बालकृष्ण शर्मा की इस कामयाबी पर पूरे बोकारो में गर्व और उत्साह का माहौल है। यह जीत सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं, बल्कि झारखंड और बोकारो के सपनों, संघर्ष और प्रतिभा की जीत है।
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